गरियाबंद

Doctors Day: पहली पोस्टिंग के बाद आज 15 सालों से देवभोग की जनता की कर रही सेवा, डॉक्टर्स डे पर महिला डॉक्टर और देवभोग बीएमओ की संघर्ष भरी कहानी

रवि तिवारी@देवभोग। डॉक्टर्स डे (Doctors Day) पर खबर छत्तीसी आज एक ऐसी महिला डॉक्टर की कहानी से आपको अवगत करवाने जा रहा है। जिसने अपनी पढ़ाई पूरी कर अपने जीवन के पूरे 15 साल देवभोग की जनता के सेवा में दे दिए। रायपुर मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर पीएससी से सेलेक्शन होकर डॉक्टर अंजू सोनवानी की पहली पोस्टिंग आज से 15 साल पहले देवभोग में हुई। उस दौरान देवभोग विकास से भी बहुत ज्यादा पिछड़ा था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोई स्टाफ नही था और ना ही डॉक्टर। अकेले डॉक्टर अंजू ने कमान संभाला। इसके बाद 7 सालों तक अकेले डॉक्टर ने पूरे देवभोग ब्लॉक का एमएलसी,पीएम और प्रसव के मामले को भी संपन्न करवाया। डॉक्टर अंजू कहती है कि जब उनकी पोस्टिंग देवभोग में हुई थी। उस दौरान अधिकांश दिनों तक देवभोग में लाइट बंद रहता था,सड़क की सुविधा नहीं थी। (Doctors Day) इतना ही नहीं मरीज रेफर करने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे समय में भी उन्होंने हार नही मानी। (Doctors Day) डॉक्टर सोनवानी के मुताबिक उन्होंने मन बना लिया था कि किसी भी परिस्थिति में वे यहां से नही जाएंगी, बल्कि यहाँ रहकर देवभोग के लोगों को बेहतर इलाज देकर उनका सेवा करूंगी। वही पिछले 9 महीने से डॉक्टर सोनवानी बीएमओ के रूप में देवभोग में सेवा दे रही है।

जाने का बना लिया था मन

पांच साल से देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रहकर अपनी सेवा दे रहे डॉक्टर एसएस गुप्ता कहते है की जब देवभोग में उनकी पोस्टिंग हुई तो यहां बिजली की समस्या,सड़क की समस्या को देखकर उन्होंने मन बना लिया था कि वे भी तबादला करवा लेंगे। डॉक्टर गुप्ता के मुताबिक उन्होंने भी यहां देखा कि यहां के लोगों को डॉक्टर की कमी के चलते समय पर इलाज नही मिल पा रहा है। ऐसे में डॉक्टर गुप्ता का मन बदल गया। उन्होंने पुरी परेशानियों को झेलने का मन बना लिया और देवभोग की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविद्या देने का निर्णय लिया।

पैर से है कमजोर लेकिन इच्छा शक्ति इतना ही मजबूत

हाल ही में देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हुए डॉक्टर सुनील कुमार रेड्डी अपने एक पैर से थोड़े से कमजोर जरूर है,लेकिन उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति उतनी ही ज्यादा मजबूत है। डॉक्टर रेड्डी हमेशा आमजनों की सेवा में तत्पर रहते है। उन्हें दिन हो या रात यदि  मरीज को उनकी जरूरत होने की जानकारी मिल जाती है तो वे खुद ही अपने स्कूटी में अस्पताल पहुँचकर उसका इलाज शुरू कर देते है। डॉक्टर रेड्डी कहते है कि डॉक्टर आपके लिए सदा खड़े है। आप उन पर पूर्ण भरोशा कीजिये। डॉक्टर चौबीस घण्टे आपके लिए उपलब्ध है।

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