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Dhamtari: अंधेरे में डूबे स्कूलों में कैसे संवरेगा बच्चों का भविष्य..?…2 माह से बिजली विभाग ने काटी बिजली, जिला शिक्षा विभाग पर 46 लाख रुपए का बिल बकाया

विश्वनाथ गुप्ता@धमतरी। जिले में सीएसपीडीसीएल यानी विद्युत विभाग ने आत्मानंद अंग्रेजी सहित दर्जन भर से ज्यादा सरकारी स्कूलों के कनेक्शन काट दिए हैं। बताया जा रहा है कि जिला शिक्षा विभाग पर कुल 46 लाख का बिल बकाया है वैसे सभी सरकारी विभागों का बकाया जोड़ दे तो 50 करोड़ से ज्यादा की रकम बनती है।

बिजली विभाग अपने भारी भरकम बकाया बिलों की वसूली के लिए अभियान छेड़ रखा है. इस अभियान में इतिहास में शायद पहली बार सरकारी स्कूलों का कनेक्शन काट दिया गया है.

बीते 2 माह से धमतरी जिले के दर्जन भर स्कूलों में बिजली नहीं है. इनमें से 8 स्कूल तो धमतरी शहर में ही स्थित है. धमतरी के गोकुलपुर, जालमपुर, दानिटोला, विंध्यवासिनी वार्ड और उर्दू शाला की तरफ से कई सालों से बिजली का बिल अदा नही किया गया था. इनमे विंध्यवासिनी वार्ड के प्राइमरी स्कूल ने तो 2012 के बाद से एक बार भी बिल नही पटाया था. 10 साल में इस स्कूल का कुल बकाया 17 हज़ार से ज्यादा का हो चुका है.

इसी तरह जिले में शिक्षा विभाग का कुल बिजली बिल का बकाया 46 लाख रुपये से ज्यादा का हो चुका है. धमतरी के गोकुलपुर स्कूल में ही सरकार की महत्वाकांक्षी पहल वाली आत्मानंद इंग्लिश स्कूल चलता है. जहां बीते 2 महीने से बिजली नही है, न लाइट जलती है, न पंखे चलते है, लेकिन पढ़ाई जरूरी है तो कक्षाएं लग रही है. हमने बच्चों और शिक्षकों से बात की और जाना कि बिना बिजली के किस तरह की दिक्कतें पेश आ रही है।

धमतरी जिला शिक्षा विभाग ने बताया की एक स्कूल का एक महीने का बिजली बिल औसतन 400 से 500 के बीच रहता है. सरकार से मिलने वाले आवंटन को समय-समय पर स्कूलों के खाते में जमा कर दिया जाता है. फिर भी अगर बिल नही पटाया जा रहा है. तो ये उस स्कूल के प्राचार्य या प्रधान पाठक की लापरवाही है. वैसे शिक्षा विभाग ने ये भी बताया कि जो लंबे समय से आवंटन भी नही मिला था अब शासन से कुछ पैसा आया है, जिसे बिजली विभाग में जमा करवा दिया गया है. धमतरी बीईओ डी आर गजेंद्र ने बताया कि ये शायद इतिहास में पहली बार है कि किसी स्कूल की बिजली काटी गई है।

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सरकारी विभागों ने 50 करोड़ का बिजली बिल नही पटाया

धमतरी जिले में कुल 877 प्राथमिक, 445 माध्यमिक, 57 पूर्व माध्यमिक और 111 उच्चतर माध्यमिक स्कूल हैं. लेकिन धमतरी जिले के सभी सरकारी विभागों के बिजली बिल बकाया पर नज़र डालें तो हालात और भी बदतर है. सभी सरकारी विभागों ने 50 करोड़ का बिजली बिल नही पटाया है. सबसे ज्यादा बकाया 42 करोड़ का पंचायत विभाग का और वो भी ग्राम पंचायतों का इस 42 करोड़ में करीब साढ़े 4 करोड़ नगर पंचायतों पर बकाया है.  बिजली विभाग में अपने वसूली अभियान में बिजली बिल नही पटाने वाले 60 ग्राम पंचायतों का कनेक्शन काट दिया था. हालांकि बाद में कुछ हिस्से की अदायगी के बाद वापस कनेक्शन बहाल किया गया. बिजली विभाग का साफ कहना है कि जो बिल नही देगा उसकी बिजली काट दी जाएगी।

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कुछ रकम मिलने के बाद कनेक्शन वापस जोड़ा जा रहा

बिजली विभाग बकाया में से कुछ रकम मिलने के बाद कनेक्शन वापस जोड़ रही है लेकिन कोरोना काल के 2 साल को छोड़ दे तो शासन लगातार अपने विभागों को बिजली बिल के लिए आवंटन भेजता रहा है.  फिर भी बिल बकाया हो और कनेक्शन काटने की नौबत आ जाए तो, यहाँ मामला जांच का बनता है ली आखिर वो पैसा गया कहा..?  देखना होगा कि बिजली की मुफ्तखोरी करने वाले सरकारी महकमो का ऑडिट किया जाता है या नही।

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