छत्तीसगढ़राजनांदगांव

राज्यस्तरीय बौद्ध सम्मेलन के वायरल वीडियो ने पकड़ा तूल, वीडियो में दिखाई दे रहे जनप्रतिनिधियों की हो रही आलोचना, हिंदू संगठनों ने एसपी और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा


गोवर्धन सिन्हा@राजनांदगांव। 7 नवंबर को आयोजित राज्यस्तरीय बौद्ध सम्मेलन के वायरल वीडियो के मामले ने तूल पकड़ लिया है। लोगों द्वारा वीडियो में दिखाई दे रहे जनप्रतिनिधियों की भी आलोचना की जा रही है, जिसमें राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक और नगर निगम महापौर हेमा देशमुख दिखाई दे रही हैं। हालांकि मेयर हेमा देशमुख द्वारा हाथ नहीं उठाया गया और ना ही शपथ लेते दिखाई दे रही हैं लेकिन उनकी भी आलोचना की जा रही है। हमारा चैनल इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। इस मामले में राजनेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो चुका है। वहीं विश्व हिंदू परिषद, सर्व यादव समाज और छत्तीसगढ़ राजपूत महासभा द्वारा एफआईआर की मांग ने जोर पकड़ लिया है। इस संबंध में हिंदू संगठनों ने एसपी और कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा है।

मोहारा ऑक्सीजोन में 7 नवंबर को आयोजित राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन

बता दें राजनांदगांव के शिवनाथ नदी तट मोहारा ऑक्सीजोन में 7 नवंबर को आयोजित राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन किया गया था। प्रदेशभर के बौद्ध समाज से जुड़े लोग यहां पहुंचे थे वही इस कार्यक्रम में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी शामिल हुए इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की थी और पूर्व सांसद मधुसूदन यादव,राजनांदगांव नगर निगम महापौर हेमा देशमुख,राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष विवेक वासनिक सहित कई जनप्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। वही अब राज्य स्तरीय बौद्ध सम्मेलन के कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं को नहीं मानने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद हिन्दू संगठनों ने वीडियो में दिखाई दे रहे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनके खिलाफ एफआईआर कराने की मांग की जा रही है। इस संबन्ध में अखिल भारतीय राजपूत महासभा के संजय बहादुर सिंह का कहना है कि- जो घटना हुई है जिसमें हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया गया है। भगवान बुद्ध खुद क्षत्रिय थे और उन उनका काम था बन्धुत्व फैलाना। बंधुत्व फैलाना छोड़कर हिंदू देवताओं के बारे में गणित बयान करना उनका धर्म भी नहीं सिखाता है। ऐसे लोगों के खिलाफ में कड़ी भर्त्सना करता हूं और इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की मांग करता हूं।

मैंने इंकार कर दिया और हाथ नहीं उठाया

वहीं इस मामले में महापौर हिमा देशमुख का कहना है कि बौद्ध समाज के द्वारा राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। जिसमें बाबा साहब के पोते भीमराव यशवंत राव अंबेडकर भी आए हुए थे। वहां कार्यक्रम के दौरान संविधान के बारे में चर्चा हो रही थी वही अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह भी वहां मौजूद थे। मुझे भी विशिष्ट अतिथि के रूप में वह आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के बीच में शपथ लेने की प्रक्रिया शुरू हुई तो मुझे लगा कि यह संविधान की शपथ है। मुझे नहीं पता था कि यह भगवान के बारे में शपथ है जब उन्होंने भगवान के बारे में शपथ लेने के लिए कहा तो मैंने इंकार कर दिया और हाथ नहीं उठाया। शपथ की प्रक्रिया 15 सेकंड तक चली जिसके बाद में मन छोड़ कर चली गई, क्योंकि वह बौद्ध समाज का कार्यक्रम था जहां उनकी विचारधारा के लोग थे लेकिन मैं सनातन धर्म में विश्वास रखती हूं और हिंदू धर्म को मानती हूं।

Related Articles

Back to top button