सरगुजा-अंबिकापुर

Ambikapur: लेमरू हाथी प्रोजेक्ट को कांग्रेस ने स्थगित रखने की मांग, जानिए इसके पीछे की वजह, Video

शिव शंकर साहनी@सरगुजा। (Ambikapur) जिले के लेमरू हाथी प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। जिसे देखते हुए कांग्रेस ने अब प्रोजेक्ट को फिलहाल स्थगित रखने की मांग की है।(Ambikapur)कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व जिला पंचायत उपाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कलेक्टर सरगुजा को पत्र लिखकर लेमरू हाथी प्रोजेक्ट से जुड़ी गतिविधियों को फिलहाल स्थगित रखने की मांग की है।

राज्य सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना

(Ambikapur)हाथियों के सुरक्षित रहवास के लिए लेमरू हाथी प्रोजेक्ट राज्य सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना है। इसी को देखते सरगुजा और कोरबा जिले के बड़े वन क्षेत्र को मिलाकर हाथियों के सुरक्षित रहवास को विकसित किया जाना है। लेकिन राज्य सरकार की आपत्ति के बाद केंद्रीय कोयला मंत्रालय ने इस क्षेत्र के कोल ब्लाक को नीलामी की सूची से पृथक कर दिया है।

इस प्रोजेक्ट के दायरे में 39 गांव

सरगुजा जिले के उदयपुर और लखनपुर ब्लाक के 39 गांव इस प्रोजेक्ट के दायरे में आ रहे हैं। बीते 2 अक्टूबर को संबधित पंचायतों की ग्राम सभाओं में इस मुद्दे को भी रखा गया था। ग्राम पंचायतों से प्रोजेक्ट के लिए सहमति जरूरी है। इसकी कोशिश शुरू हो गई है। इधर ग्रामीण लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। 

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कांग्रेस ने भी प्रोजेक्ट को फिलहाल स्थगित करने की मांग

इधर जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा की कांग्रेस ने भी प्रोजेक्ट को फिलहाल स्थगित रखने कहा है। कलेक्टर सरगुजा को प्रेषित पत्र में अवगत कराया है कि लेमरू प्रोजेक्ट का ग्रामवासियों के द्वारा विरोध किया जा रहा है। जिसको देखते हुए पूर्णतः इस प्रोजेक्ट को बंद करने की कवायद की जा रही है। अगर यह प्रोजेक्ट खोलने का प्रयास किया गया तो हम इसका पुर जोर तरीके से  ग्रामीणों के साथ मिलकर विरोध किया जायेगा।

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सरगुजा वनवृत्त हाथियों से सर्वाधिक प्रभावित

बहरहाल सरगुजा वनवृत्त हाथियों से सर्वाधिक प्रभावित है। यहां वर्षभर लगभग एक सौ हाथियों की मौजूदगी रहती है। हाथी और मानव के बीच द्वंद की स्थिति है। चारा, पानी के जुगाड़ में हाथी आबादी क्षेत्रों में प्रवेश कर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इंसानों की वजह से हाथी भी सुरक्षित नहीं है। ऐसे कठिन दौर में इस महत्वपूर्ण परियोजना के अस्तित्व में आने से हाथियों को लेकर चली आ रही समस्या दूर होगी। इसलिए ग्रामीणों की सारी शंकाओं को दूर करने की भी जरूरत हो सकती है।

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