
दंतेश्वर कुमार@बीजापुर। जिले भैरमगढ़ नगरपंचायत द्वारा नगर में सड़क,नाली,पानी टंकी और जोनल कार्य से जुड़ा कोई भी काम कराने के लिए नगर पंचायत द्वारा जारी किए जा रहे टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होते ही निरस्त कर दिया जा रहा है।वहीं निरस्त करने का एक ही सरकारी शब्द अपरिहार्य कारण का हवाला देकर अपनी गलतियों पर पर्दा डाला जा रहा है।अपने चहेते ठेकेदारों को काम दिलाने के लिए शासकीय विभागों में टेंडर जारी करने और विवाद की स्थिति उत्पन्न होने के बाद निरस्त करने इन दोनों ही मामलों में भैरमगढ़ नगर पंचायत फिलहाल सरताज बना हुआ है।
ठेकेदारों ने बताया भैरमगढ़ नगरपंचायत के सीएमओ द्वारा विभिन्न कार्यो के लिए करोडो रुपए के लगे टेंडर को 2 बार निरस्त कराया गया है। टेंडर निरस्त की साजिश रची जा रही है।टेंडर में हो रहे इस खेल में जनता के पैसे का भरपूर दुरूपयोग किया जा रहा है।नगर पंचायत भैरमगढ़ द्वारा विभिन्न कार्यो के लिए करोडो रुपए का टेंडर पिछले तीन माह में दो बार जारी हो चुका है।जिसमें दोनो बार निरस्त किया जा चुका है। निरस्त करने की कोई ठोस वजह नहीं है।
दरअसल भैरमगढ़ नगर पंचायत में अपने चहेते ठेजेदारो को ठेका न मिलने की वजह से ये सारा खेल खेला जा रहा है। वहीं ठेका नहीं हो पाने की वजह से विकाय कार्य भी नगर में ठप पड़ा हुआ है। वहीं नगर के चौक चौराहों में भी अब नगर पंचायत के अध्यक्ष एवं पार्षदों को लोग कोस रहे है। बार-बार टेंडर प्रक्रिया निरस्त होना समझ से परे है।जनता की आंखों में धूल झोंक कर यह खेल हो रहा है।लोगों में चर्चा का विषय है की सीएमओ की निष्क्रियता के चलते नगरपंचायत के टेंडर निरस्त हो रहे है। इन सारे मामले को लेकर जब मीडिया उनके दफ्तर पहुँचे तब सीएमओ भैरमगढ़ वह से नदारद थे साथ उन्होंने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर रखा था ।