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राजनीति

Congress ने कहा- गोधन न्याय योजना को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दृढ़ इच्छाशक्ति से किया लागू

रायपुर।  (Congress) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य सरकार की अभिनव योजना ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत गोबर खरीदी का

पहला भुगतान हितग्राहियों के खाते में अंतरित करने का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश

नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि गोबर खरीदी से मिलने वाली राशि गरीब समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचेगी।

गोधन न्याय योजना से हितग्राहियों को किसान सम्मान योजना से अधिक राशि मिलेगी।

कांग्रेस सरकार बनने के बाद प्रदेश में मजदूर, किसानों, पशुपालकों और गरीबों की स्थिति में बड़ा बदलाव आया है।

भूपेश बघेल की सरकार गोबर खरीद कर पशुपालकों और जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली देश की ही नहीं संसार की पहली सरकार है।

 भाजपा के पेट में जाता था गौशालाओं के संचालन के करोड़ों रूपए

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 15 साल भाजपा की रमन सरकार में गौशालाओं

(Congress) के संचालन के नाम पर करोड़ों रूपये अनुदान गाय के पेट में नहीं,

(Congress) पशुपालकों को नहीं, भाजपा नेताओं के पेट में जाता था।

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इसी स्थिति को बदलने का बीड़ा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के माध्यम से उठाया है।

यही भाजपा नेताओं को नागवार गुजरा और उन्होंने गोधन न्याय योजना का न केवल उपहास उड़ाया बल्कि विरोध भी किया।

भाजपा नेताओं ने गोधन न्याय योजना के लागू होने में न केवल संदेह जताया।

बल्कि रूकावटें भी डाली।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दृढ़ इच्छाशक्ति से इसे संभव बनाया है।

जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 50 हजार हितग्राहियों, पशुपालकों को 1 करोड़ 65 लाख रू. का भुगतान किया गया,

जिनमें 38 प्रतिशत महिला हितग्राही, 48 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग, 39 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 8 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 5 प्रतिशत सामान्य वर्ग के हितग्राही हैं।

गोबर खरीदी का आगामी भुगतान 15 अगस्त को किया जाएगा।

गोधन न्याय योजना देश में अपने तरह की प्रथम योजना है, जिसमें पशुपालकों, किसानों से 2 रूपए प्रति किलो

(परिवहन व्यय सहित) की दर पर गौठानों में खरीदी की जा रही है।

खरीदे गए गोबर से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर इसका सहकारी समितियों के माध्यम से विक्रय किया जाएगा।

इस योजना के माध्यम से एक ओर पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा।

दूसरी ओर प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

 

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