Digital Arrest अरेस्ट क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है?

नई दिल्ली। देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इसे लेकर काफी लोग कन्फ्यूज्ड भी हैं। आखिर डिजिटल अरेस्ट होता क्या है..जिसमें पुलिस किसी शख्स को हथकड़ियों में पुलिस स्टेशन लेकर नहीं जाता..आइए जानते हैं..डिजिटल अरेस्ट क्या है और इसमें क्या होता है.
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट में साइबर फ्रॉड करने वाला शख्स आपको अरेस्ट का डर दिखाता है. इसमें आपको घर में ही कैद करके रखते हैं. ऐसे में फ्रॉडस्टर वीडियो कॉल के दौरान अपना बैकग्राउंड पुलिस स्टेशन की तरह बना लेते हैं, इसे देखकर विक्टिम डर जाता है और डर के वजह से उसकी बातों में आ जाते हैं.
फ्रॉडस्टर जमानत के लिए कहकर आपके साथ स्कैम करना शुरू करते हैं. फ्रॉडस्टर विक्टिम को वीडियो कॉल से हटने नहीं देता है ना किसी से कॉन्टेक्ट करने देते हैं. विक्टिम को उसके घर में ही अरेस्ट कर दया जाता है, विक्टिम को ये कहकर डराया जाता है कि उसके आधार कार्ड, सिम कार्ड, बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किसी गैरकानूनी काम के लिए हुआ है. ये सब होने के बाद आपको डराने-धमकाने का ‘गेम’ शुरू होता है.
कहां करें शिकायत
एक बात का ध्यान रखें कि पुलिस या कोई एजेंसी आपको कभी कॉल या धमकी नहीं देते हैं. इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी या पुलिस लीगल प्रोसेस के साथ कार्रवाई करती है. अगर आपको भी इस तरह की डराने-धमकाने वाले की कॉल आती है तो आप बिना डरे लोकल पुलिस स्टेशन जाएं और उसकी कंप्लेंट करें.
इसके अलावा 1930 नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें अपनी शिकायत दर्ज कराएं. इसके साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर @cyberdost के जरिए भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.