Chhattisgarh: पुलिस अभिरक्षा में मौत, छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग द्वारा 3 लाख रूपये क्षतिपूर्ति प्रदाय करने की अनुशंसा

रायपुर। (Chhattisgarh) पुलिस अभिरक्षा में शब्बीर जोगी की मौत हो गई थी। जिसकी वजह पुलिस प्रताड़ना को बताया गया। अब इसे लेकर आयोग ने मृतक के परिजनों को 3 लाख रुपए दिये जाने की अनुशंसा की गई है।
(Chhattisgarh) गौरतलब है कि शिकायतकर्ता सनीबाई पति राजकुमार द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उनका पुत्र शब्बीर जोगी जो कि कोरबा में कबाड़ी का काम करते हुए, अपने परिवार का गुजर बसर करता था, (Chhattisgarh) उसे क्राईम ब्रांच, कोरबा के पुलिस कर्मी पूछताछ के लिये अभिरक्षा में थाना लेकर गये थे, और पुलिस प्रताडना के कारण आवेदिका के पुत्र शब्बीर जोगी की मृत्यु हो गई।
शिकायतकर्ता के प्रस्तुत आवेदन पर, आयोग ने, पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर कोरबा से प्रतिवेदन आहूत किया गया था, तत्पश्चात पुलिस महानिदेशक, छत्तीसगढ़ शासन से भी प्रकरण के संबंध में पत्र-व्यावार कर जानकारी आहूत की गई थी, पुलिस उप महानिरीक्षक (सतर्कता/माअ- सेल) पुलिस मुख्यालय, नवा-रायपुर द्वारा आयोग को इस आशय के पत्र के माध्यम अवगत कराया गया कि न्यायिक जांच रिपोर्ट उपरान्त संबंधित प्रकरण में दोषी कर्मियों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया है|
सम्पूर्ण प्रकरण में जांच उपरांत आयोग ने पाया कि शिकायतकर्ता के पुत्र शब्बीर जोगी की मृत्यु पुलिस अभिरक्षा में, पुलिस प्रताडना के कारण होना प्रतीत होता है| अत: प्रकरण में विचारोपरांत आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री गिरिधारी नायक और सदस्य नीलम चंद सांखला ने आयोग के प्रतिवेदन में मृतक के वैध-वारिसान को तीन लाख रूपये क्षतिपूर्ति प्रदान करने की अनुशंसा की है| सचिव, गृह विभाग, छ.ग. शासन को इस आशय का अनुशंसा पत्र जारी किया है कि मृतक शब्बीर जोगी के वैध-वारिसानों को तीन लाख रूपये क्षतिपूर्ति प्रदान की जाये।