बस्तर में मलेरिया नियंत्रण की बड़ी सफलता: 72 प्रतिशत की गिरावट, दर सिमटी 0.46 प्रतिशत

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को बस्तर संभाग में ऐतिहासिक सफलता मिली है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में इस संवेदनशील और आदिवासी बहुल क्षेत्र में मलेरिया के मामलों में 72% की गिरावट दर्ज की गई है। बस्तर में मलेरिया धनात्मक दर 4.60% से घटकर मात्र 0.46% रह गई है, जो स्वास्थ्य सेवाओं की एक बड़ी उपलब्धि है।

राज्य शासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बस्तर का वार्षिक परजीवी सूचकांक (API) वर्ष 2015 में 27.4 था, जो 2024 में घटकर 7.11 रह गया है। इसी प्रकार, पूरे राज्य का API 5.21 से घटकर 0.98 हो गया है। 2023 की तुलना में 2024 में मलेरिया प्रकरणों में 8.52% की कमी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री साय ने इस उपलब्धि को जनसहयोग, स्वास्थ्य विभाग के समर्पित प्रयासों, मितानिनों और स्थानीय प्रशासन के सहयोग का परिणाम बताया। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ को स्वस्थ और समृद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम कहा।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पूरे राज्य को मलेरिया मुक्त बनाना है। मच्छरदानी वितरण, घर-घर स्क्रीनिंग, त्वरित उपचार और जनजागरूकता अभियान के जरिये मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया है।
राज्य सरकार राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) और WHO के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लगातार कार्य कर रही है। वर्ष 2024 में अभियान के 10वें और 11वें चरणों में विशेष निगरानी और उपचार कार्यों ने इसे और गति दी है।

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