Chhattisgarh
बस्तर: संभावनाओं की धरती, अब विकास की नई उड़ान की ओर

सब मिलकर लिखेंगे बस्तर की नई ईबारत: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जगदलपुर में आयोजित “विकसित बस्तर की ओर” परिचर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बस्तर अब नक्सलवाद की छाया से निकलकर आत्मनिर्भरता और समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि “हम सब मिलकर बस्तर के विकास की नई कहानी लिखेंगे।” मुख्यमंत्री ने कहा कि
बस्तर सिर्फ एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि संभावनाओं की धरती है — जहाँ किसान, महिला समूह, युवा उद्यमी और जनजातीय समुदाय मिलकर एक नया इतिहास रचेंगे।
“नवा अंजोर” से होगा “विकसित छत्तीसगढ़ @2047” का सपना साकार
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ‘नवा अंजोर’ विजन के तहत बस्तर से विकसित छत्तीसगढ़ @2047 की नींव रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि, पर्यटन, उद्योग और कौशल विकास के क्षेत्र में व्यापक रणनीति के साथ कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
कृषि और जैविक उत्पादों का होगा ब्रांडिंग और वैश्विक बाज़ार तक विस्तार
- मक्का की खेती को अगले 3 वर्षों में 1.85 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 3 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य
- मिलेट्स की खेती को 52 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 75 हजार हेक्टेयर
- कृषि यंत्रीकरण हेतु हर साल 30–40 नए कस्टम हायरिंग सेंटर
- 27,600 सोलर पंप, नदी-नालों के पास लिफ्ट सिंचाई योजनाएं
- जैविक उत्पादों के लिए स्थानीय प्रोसेसिंग यूनिट्स और ब्रांडिंग पर विशेष बल
कौशल विकास से आत्मनिर्भर युवा
- अब तक 90,000 युवाओं को प्रशिक्षण, 40,000 को रोजगार
- बस्तर में 32 नए स्किल डेवलपमेंट सेंटर और 7 आवासीय प्रशिक्षण केंद्र
- महिंद्रा एंड महिंद्रा, NSDC, नीति आयोग के साथ साझेदारी
- आत्मसमर्पित नक्सलियों, महिलाओं और पीड़ित परिवारों को विशेष प्राथमिकता
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 6123 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान
पर्यटन में दिखेगी बस्तर की नई छवि
- बस्तर दशहरा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की योजना
- चित्रकोट, तीरथगढ़, कांगेर घाटी और प्राचीन गुफाओं का होगा व्यापक विकास
- बस्तर में पर्यटन सूचना केंद्र, होमस्टे, और गाइड प्रशिक्षण
- 6 करोड़ रुपये की लागत से तीरथगढ़ में कांच के पुल का निर्माण प्रस्तावित
- गूगल मैपिंग, रोड शो, TTF ब्रांडिंग, और FAM टूर के माध्यम से प्रचार
- पर्यटन नीति 2025 शीघ्र होगी जारी
उद्योग और खनिज संपदा से रोजगार
- नई औद्योगिक नीति 2024-30 में बस्तर के लिए विशेष प्रावधान
- 15 वर्षों तक रॉयल्टी प्रतिपूर्ति, नक्सल प्रभावितों को 40% वेतन सब्सिडी
- SC/ST समुदाय को 10% अतिरिक्त सब्सिडी, MSMEs को 25% सब्सिडी
- लौह अयस्क, वन संपदा, जैविक उत्पादों का ₹102 करोड़ सालाना निर्यात
- स्थानीय स्तर पर शहद, हल्दी, मसाले, फल पल्प आदि के प्रसंस्करण उद्योग पर ज़ोर
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर को नक्सलवाद से मुक्त कर मार्च 2026 तक एक पूर्ण रूप से विकसित क्षेत्र बनाया जाएगा। आत्मसमर्पण पीड़ित, राहत-पुनर्वास नीति 2025 के तहत प्रोत्साहन राशि, मुआवजा, शिक्षा, कौशल विकास और स्वरोजगार योजनाओं से बस्तर का विकास किया जाएगा।