छत्तीसगढ़ में साकार हो रही बापू के स्वावलंबी गांवों की परिकल्पना: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को गोबर खरीदी की राशि, महिला स्वसहायता समूहों और गौठान समितियों को लाभांश राशि तथा गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ना प्रोत्साहन राशि के वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने खरीफ की तरह रबी सीजन में भी वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को बढ़ावा देने और गौठानों में गौ मूत्र की खरीदी को प्रोत्साहित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
गौरतलब है कि अक्टूबर माह के आखरी पखवाड़े में खरीदे गए गोबर के एवज में कुल 4.69 करोड़ रूपए का भुगतान आज गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों को किया गया है। इस राशि में से विभाग द्वारा 2.37 करोड़ रूपए और स्वावलंबी गौठानों द्वारा 2.32 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक सकारात्मक बदलाव है। राज्य सरकार की भी यह मंशा है कि आने वाले समय में सभी गौठान स्वावलंबी बने। वहां की गतिविधियों का संचालन गौठान समितियां अपने संसाधनों से कर सकें।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 35 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की। गौठनों में 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.35 लाख क्विंटल गोबर के एवज में किया गया. 4.69 करोड़ रूपए भुगतान किया गया। इसी तरह गौठान समितियों को 39 लाख और महिला समूहों को 27 लाख रूपए की लाभांश राशि का भुगतान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत आज भुगतान की गई राशि को मिलाकर गोबर विक्रेताओं को योजना के शुरू होने के बाद से अब तक 179.28 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। इसी तरह अब तक गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 164.24 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य के 83 गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से अब तक 76 हजार 820 लीटर गौमूत्र क्रय किया जा चुका है। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 24,348 लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र और 18,722 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत तैयार किया गया है, जिसमें से 20,521 लीटर ब्रम्हास्त्र और 14,055 लीटर जीवामृत की बिक्री से कुल 15 लाख रूपए की आय हुई। इस गतिविधि को और बढ़ावा देना चाहिए।