आज लोकतंत्र के महाउत्सव का ऐलान,  चुनाव आयोग हो जाएगा ‘सर्वशक्तिमान’!

नई दिल्ली। चुनाव आयोग आज यानी लोकसभा चुनाव से संबंधित तारीखों का ऐलान करने वाला है. इसके साथ ही पूरे देश में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी. आचार संहिता लगने के बाद नेताओं और सरकार में शामिल लोगों पर कई तरह के प्रतिबंध लग जाते हैं.

इसके साथ ही पूरे देश में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक बरकरार रहेगी. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम बनाए हैं, उसे ही आचार संहिता कहा जाता है. इसके लागू होते ही कई बदलाव हो जाते हैं. सरकार के कामकाज में कई अहम बदलाव हो जाते हैं. 

कब हुई थी आचार संहिता की शुरुआत?

आदर्श आचार संहिता (MCC) की शुरुआत साल 1960 में केरल में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान हुई थी, जब प्रशासन ने राजनीतिक दलों के लिए एक आचार संहिता बनाने की कोशिश की थी. आदर्श आचार संहिता पहली बार भारत के चुनाव आयोग द्वारा ‘न्यूनतम आचार संहिता’ के शीर्षक के तहत 26 सितंबर, 1968 को मध्यावधि चुनाव 1968-69 के दौरान जारी की गई थी. इस संहिता को 1979, 1982, 1991 2013 में संशोधित किया गया.

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