Ambikapur: कुशल की आंखें किसी और की जिंदगी को करेगी रोशन, 32 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा, परिवार के लोगों ने पेश की मिसाल
शिव शंकर साहनी @अंबिकापुर। जिले के महामाया रोड निवास एक अग्रवाल परिवार ने मिशाल पेश की है। दरअसल परिवार के एक 32 वर्षीय सदस्य कुशल केडिया की मौत होने का बाद परिवार के सदस्यों ने युवक का आई डोनेट किया है। परिवार के इस फैसले के बाद भले ही कुशल इस दुनिया में नही रहा लेकिन उनकी आंखे इस दुनिया को देखेंगी साथ ही कुशल की आंखे किसी और की जिंदगी को रोशन करेंगी।
महज 32 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले कुशल केडिया मरकर भी अपनी आंखों से इस दुनिया को देखेंगे। कुशल की आंखें किसी और जिंदगी की रोशनी भरेंगी। मामला अंबिकापुर का है जहां महामाया रोड निवासी 32 साले के युवक कुशल केडिया की सोमवार सुबह अचानक तबियत बिगड़ी, वही जब परिजन उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाने लगे तो उनकी बीच रहे में मौत हो गई।
युवक की मौत से परिवार में दुख का पहाड़ टूट पड़ा। इतनी कम उम्र में हुई युवक की मौत से परिवार के सभी सदस्य सन्न रह गए। लेकिन कुशल केडिया के चचेरे भाई कमल कांत अग्रवाल ने अपने मन को कठोर करते हुए कुशल के आई डोनेट करें का फैसला लिया।
उन्होंने ने अपने परिजनों को समझाया कि कुशल भले ही हामरे बीच नही रहा लेकिन कुशल के आई डोनेट करने से उसकी आंखें इस खुबशुरत दुनिया को देख सकेंगी, साथ ही उसकी आंखें किसी और की जिंदगी को भो रोशन कर सकेंगी। भाई कमल कांत अग्रवाल के समझाने के बाद परिजन भी आई डोनेट के लिए तैयार हो गए।
इसके बाद परिजनों ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर आरएस मरकाम से संपर्क किया और आई डोनेट के प्रोसीजर की जानकारी ली।
इधर डॉक्टर मरकाम ने देरी न करते हुए आई डोनेट के संबंध में नेत्र विभाग को सूचनार्थ किया। इसके बाद आई डोनेशन नोडल अधिकारी डॉ रजत टोप्पो के नेतृत्व में नेत्र विभाग की क्विक रिस्पांस टीम तत्काल आई डोनेशन का प्रोसीजर पूरा करने पहुंच गई। डॉ रजत टोप्पो ने बताया कि किसी भी इंसान के मौत होने के बाद 4 से 5 घंटे के भीतर आई डोनेशन की प्रक्रिया को पूरा किया जाता।
ही आंखों को सुरक्षित नेत्र बैंक में रखा जाता है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि कुशल केडिया के आंखों को तत्काल रायपुर या बिलासपुर के गवर्नमेंट हॉस्पिटल में भेजा जाएगा। जहां 3 दिनों के भीतर रजिस्टर्ड जरूरतमंद को आई ट्रांसप्लांट किया जाएगा। गौरतलब है कि अंबिकापुर में नेत्रदान का यह चौथा मामला है जहां मौत के बाद भी मृतक की आंखें इस दुनिया को देख सकेंगेगी। वहीं अब मृतक कुशल केडिया के परिजनों ने भी नेत्रदान करने का फैसला लिया है। साथ ही आमजनों से भी नेत्रदान करने की अपील की है।