Congress ने कहा- रमन सिंह VS भाजपा कार्यकर्ताओ की लड़ाई सड़कों पर आई
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रायपुर। ( Congress ) 15 वर्षो की सत्ताधारी दल भाजपा में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही छत्तीसगढ़ भाजपा में अंतर सपष्ट रूप से दिखने लगा था और अब तो यह हालात है कि कलह सड़कों पर दिखने लगा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने भाजपा की कलह पर कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह VS भाजपा कार्यकर्ता गुड की लड़ाई सड़कों पर उतर आयी है। जहां एक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय की नियुक्ति पर भाजपा में ही असंतोष दिखाई पड़ रहा था वही अब प्रदेश की राजधानी रायपुर में जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी की नियुक्ति पर कार्यकर्ताओं के इस्तीफे से आपसी द्वंद स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है।
प्रदेश कांग्रेस ( Congress ) प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह 15 वर्षों की सत्ता गवाने के बाद भी प्रदेश भाजपा में अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं। रमन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है, इस दबदबे चलते अपने समर्थकों को प्रदेश भाजपा संगठन के शीर्ष पद पर नियुक्ति करा रहे हैं जिसका भाजपा कार्यकर्ताओं में जमकर आक्रोश है, और वही कारण है कि अनेक कार्यकर्ताओ ने अपना इस्तीफा दे दिया है।
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प्रदेश कांग्रेस ( Congress ) प्रवक्ता ने कहा कि, छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा कार्यकर्ताओं ने जिन अथक परिश्रम और प्रयासों से 15 वर्षों तक भाजपा की सत्ता प्राप्ति के रीड की हड्डी बने रहे उन्हीं कार्यकर्ताओं को अनदेखी का शिकार होना पड़ा। पूंजीवादी मानसिकता से जुड़े लोगों का मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक ऊंचे पेठ से कार्यकर्ता नाराज थे, जिसका खामियाजा भाजपा डॉ रमन सिंह को 15 वर्षों की सत्ता गवाकर भोगना पड़ा इस बात को स्वयं भाजपा के शीर्ष नेताओं ने अंदरखानो में भी स्वीकारा है, मगर हार का ठीकरा अपने नेतृत्व के बजाय कार्यकर्ताओं के सर पर फोड़ा जिससे कार्यकर्ताओं में आक्रोश दोगुना हो गया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, कांग्रेस भूपेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश भाजपा में भूचाल ला दिया है। भाजपा में एक और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह तो दूसरी ओर राज्यसभा सांसद सरोज पांडे वरिष्ठ आदिवासी भाजपा नेता नंदकुमार रामविचार नेताम ननकीराम कंवर बृजमोहन अग्रवाल पित्र संस्था आर एस एस से सच्चिदानंद उपासने भाजपा के अलग-अलग बयानों तथा निर्णयो पर विरोधाभास आपसी कलह को उजागर करता है।