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अवैध प्लाटिंग पर होगी ताबड़तोड़ कार्रवाई, बनीं पांच जांच टीमें

रायपुर। राजधानी रायपुर में अवैध प्लाटिंग और निर्माण कार्यों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। भू-माफियाओं की मनमानी पर रोक लगाने के लिए कलेक्टर ने पांच विशेष जांच टीमों का गठन किया है। इन टीमों में अपर कलेक्टर, तहसीलदार और नगर निगम के अधिकारी शामिल हैं, जिन्हें पूरे जिले में अवैध गतिविधियों की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

पिछले कुछ वर्षों में प्रशासन की लापरवाही का फायदा उठाकर भू-माफियाओं ने करोड़ों की कमाई की। टीएनसी प्रोजेक्ट्स की बढ़ती कीमतों के कारण आम लोगों के लिए घर खरीदना मुश्किल हो गया, जिसका फायदा उठाकर माफियाओं ने बिना अनुमति के प्लाटिंग और निर्माण का धंधा शुरू कर दिया। इन अवैध निर्माणों के चलते नागरिकों को जलनिकासी, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित होना पड़ा।

प्रशासन को अब तक रायपुर नगर निगम, तिल्दा, धरसींवा, मंदिरहसौद, आरंग और अभनपुर क्षेत्रों से 2000 से अधिक शिकायतें मिली हैं। इनमें अवैध प्लाटिंग से उत्पन्न समस्याओं की विस्तृत जानकारी दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस अनियमितता से न केवल आम नागरिक प्रभावित हुए हैं बल्कि शहर की संरचना पर भी नकारात्मक असर पड़ा है।

कलेक्टर ने सभी पांच जांच टीमों को आदेश दिया है कि वे विभिन्न पटवारी हल्कों में जांच कर एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके आधार पर भू-माफियाओं पर एफआईआर दर्ज की जाएगी और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जिला प्रशासन ने साफ किया है कि अवैध प्लाटिंग और निर्माण करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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