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मुख्यमंत्री ने बिरहोर महिलाओं को सौंपे पक्के आवास की चाबी, जनजातीय परिवारों के सपनों को मिला नया ठिकाना

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विशेष पिछड़ी जनजातियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ जिले में बिरहोर समुदाय की महिलाओं को पक्के मकानों की चाबियाँ सौंपीं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कुल पाँच महिलाओं को उनके नवनिर्मित आवासों की चाबियाँ सौंपीं, जिनमें तीन महिलाएं बिरहोर जनजाति से हैं।

रायगढ़ के धर्मजयगढ़ विकासखंड के कीदा गांव की दिलमत बाई, गुरुवारी बाई और शानीरो बाई को उनके नए पक्के घर की चाबी सौंपते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सिर्फ एक मकान नहीं, बल्कि इनके जीवन की स्थिरता और सम्मान की नींव है। साथ ही, बनोरा गांव की गीतांजलि सिदार और कुकुर्दा गांव की गुलाबी यादव को भी आवास योजना के अंतर्गत मकान की चाबियाँ प्रदान की गईं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के लिए गरिमामय जीवन का आधार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता यह है कि कोई भी पात्र परिवार बिना घर के न रहे। इसके तहत हजारों जरूरतमंदों को अब तक लाभ मिल चुका है, और जो लोग अब तक वंचित रह गए हैं, उन्हें ‘आवास प्लस 2’ योजना के तहत शीघ्र ही मकान उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस अवसर पर लाभार्थियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। दिलमत बाई और शानीरो बाई ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज उन्हें अपने बच्चों के साथ सुरक्षित जीवन बिताने के लिए एक पक्का आशियाना मिला है, जो वर्षों से उनका सपना था। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विशेष पिछड़ी जनजातियों को आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता से दी जाएं। उन्होंने कहा कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी नहीं पहुंचेगी, तब तक शासन की जिम्मेदारी पूरी नहीं मानी जा सकती।

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