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सरगुजा-अंबिकापुर

Ambiakapur: आखिर किस बात की पंडो जनजाति को सता रही चिंता, देखिए Video

शिव शंकर साहनी@सरगुजा। (Ambiakapur) जिले के रामगढ़ पर्वत की तराई मे बसे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र और विशेष संरक्षित पंडो किसान कर्ज में डूबे हुए हैं. पंडो किसानों की धान खरीदी नहीं हो रही है. जिससे समिति से लिए गए कर्ज को चुकाने की चिंता सता रही है. ग्राम मृगाडाँड़ के करीब सात पंडो किसान ऐसे हैं। (Ambiakapur) जो वन अधिकार पट्टा की भूमि के आधार पर समिति से कर्ज लिये। (Ambiakapur) लेकिन जब धान बेचने की बारी आई तो वन अधिकार पट्टा की भूमि होने का हवाला देकर समिति प्रबंधक धान खरीदी करने से मना कर दिया है.

केंद्रीय राज्य मंत्री और सरगुजा सांसद रेणुका सिंह का गोद ग्राम होने के बावजूद सबसे ज्यादा परेशान राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले विशेष संरक्षित जनजाति के पंडों किसानों की है. सहज और सरल जीवन जीने वाले इन लोगों को अब खाद और बीज के लिए सहकारी समिति लिए कर्ज  को चुकाने की चिंता सता रही हैं.

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आपको बता दें कि वन ग्राम मृगाडाँड़ में पंडो किसानों को वन अधिकार पत्र मिला है. उसी जमीन में उनके द्वारा धान की खेती कर्ज लेकर की गई. लेकिन अब धान बेचने पर संकट खड़ा हो गया है. ग्राम मृगाडाँड़ के धरम साय पंडो, श्यामलाल पंडों, जवाहिर पंडो, संभल साय पंडो ,अनिल पंडो रनसाय पंडो मानकुंवर पंडो के द्वारा धान की खेती के लिए कर्ज लिया है. इन 7 किसान पंडों किसान पंडों के द्वारा कुल 1 लाख 8 हजार 7 सौ 35 रुपये का कर्ज लिया गया है.वही इन किसानों के धान नहीं बिक पाने की वजह कर्ज पटाने में असमर्थ हैं. वे अब मजदूरी कर इसे पटाने की बात कह रहे हैं.

इधर पंडो किसानों का धान खरीदी नहीं किये जाने की बात को लेकर उदयपुर सहकारी समिति प्रबंधक ने बताया कि वन अधिकार पट्टा का रकबा ऑनलाइन नहीं होने की वजह से इन किसानों का धान पंजीयन खरीदी नहीं हो पा रहा है.

इस मामले को लेकर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये सरकार की विफलता है. यहां जो चार किसान खड़े हैं इनको सरकार ने तो खेती के लिए लोन दे दिया.

लेकिन अब वनाधिकार पट्टे में लोन देने के बाद अब धान खरीदी सरकार नही कर रही है. प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी तरह मामले सामने आ रहे हैं.

इधर कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष ने बताया कि यह 15 साल के कुशासन का नतीजा है. जिस ग्राम पंचायत की बात कही जा रही है. वहां वनाधिकार पट्टा दिया गया था. लेकिन रकबा नही बढ़ पाया है. जो कि एक त्रुटि है. लेकिन इसकी शिकायत शासन को बता दिया गया है. जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा.

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