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छत्तीसगढ़जिले

स्थानीय नेताओं को दरकिनार कर वर्तमान विधायक को टिकट देने से नाराज हुए क्षेत्रीय आदिवासी नेता, टिकट बदलकर स्थानीय व्यक्ति को नहीं दिया मौका, तो….

बिपत सारथी@पेंड्रा। मरवाही विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों राजनीतिक पारा गर्म हो चुका है। कांग्रेस पार्टी में फूट पड़ना शुरू हो गया है, टिकट बदलकर अगर स्थानीय नेताओं को मौका नहीं दिया गया तो निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतारने का ऐलान किया गया है। 2018 के उप चुनाव के बाद एक बार फिर कांग्रेस के स्थानीय आदिवासी नेताओं का बगावती तेवर देखने को मिल रहा है।वहीं कांग्रेस पार्टी ने स्थानीय विधायक की मांग और विरोध को दरकिनार कर मरवाही सीट से एक बार फिर वर्तमान विधायक डॉक्टर के के ध्रुव को टिकट दिया है। जिसको लेकर अब यहां कांग्रेस पार्टी में ही स्थानिय बनाम बाहरी व्यक्ति का मुद्दा को लेकर स्थानीय आदिवासी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है।अगर कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर के के ध्रुव का टिकट बदलकर स्थानीय व्यक्ति को टिकट नहीं देती तो जल्द ही ठोस निर्णय लेकर आदिवासी समाज के द्वारा स्थानीय निर्दलीय प्रत्याशी मरवाही सीट के चुनावी मैदान में उतारा जायेगा। जिसको लेकर स्थानीय आदिवासी नेताओं ने बगड़ी गांव के देवी चौरा में एकजुट होकर रणनीति बनाई है। वहीं बैठक पूर्ण होने के बाद “मरवाही बचाव “केके ध्रुव हटाओ “के नारे भी लगाए गए। बगड़ी गाँव के देवी चोरा से संकल्प लेकर मरवाही विधानसभा क्षेत्र की आदिवासियों के सम्मान और हित की लड़ाई लड़ने के लिए स्थानीय आदिवासियों का काफिला निकली है। जिससे कांग्रेस पार्टी ही इस बार कमजोर पड़ने वाली है। वहीं टिकट मिलने के बाद वर्तमान विधायक डॉक्टर केके ध्रुव इन रूठे हुए कांग्रेस के नेताओं को मनाने की बात कर रहे हैं और मिलजुल कर साथ रहकर कांग्रेस शासन के विकास कार्यों की बदौलत क्षेत्र के जानते के बीच वोट मांगने जाने की बात कह रहे हैं।

वही गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला बनने के बाद मरवाही विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी अंचल में बिजली पानी स्वास्थ्य जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैं। जिसको लेकर मरवाही विधायक डॉक्टर के के के ध्रुव का कहना है कि नया जिला बनने के बाद विकास होने की बात कह रहे हैं और जिस गांव तक सुविधा नहीं पहुंच पाई है ऐसे गांव में लगातार लोगों की समस्याओं का समाधान करते हुए कार्य करने की बात कह रहे हैं। फिलहाल मरवाही विधानसभा क्षेत्र का चुनावी मैदान की लड़ाई इस बार काफी चुनौती पूर्ण होने वाला है। अब देखना काफी दिलचस्प होगा कि कौन यहां से कामयाब होगा और मरवाही सीट का राजनीतिक ऊंट किस करवट बैठता है और किसका परचम लहराएगा देखने वाली बात है…

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