Chhattisgarh

Chhattisgarh: ‘दुर्ग सांसद पर नामांकन पत्र के दौरान गलत जानकारी देने का आरोप’, कांग्रेस के प्रेसवार्ता के प्रमुख बिंदु

रायपुर। (Chhattisgarh) कांग्रेस उपाध्यक्ष खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन व संचार विभाग अध्यक्ष व  पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी कॉन्फ्रेंस ले रहे हैं। (Chhattisgarh) प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल पर नामांकन पत्र के दौरान ग़लत जानकारी देने का आरोप लगाया।ग़लत तरीक़े से राजीव गांधी योजना  का लाभ उठाने का आरोप  लगाया है। (Chhattisgarh) सांसद विजय बघेल की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की ।

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य आर.पी. सिंह की पत्रकारवार्ता के प्रमुख बिन्दु….

धान खरीदी के आंकड़े निकालने से बड़ी-बड़ी जानकारियां निकलकर आ रही है।

एक ओर केन्द्र सरकार के आगे छत्तीसगढ़ के किसानों का पक्ष 9 भाजपा सांसदों में से एक भी ने नहीं रखा।

भूपेश बघेल द्वारा आहूत सरकार की बैठक में आना तक जरूरी नहीं समझा। प्रदेश के भाजपा नेता लेकिन न केवल समर्थन मूल्य पर धान बेचते रहे बल्कि 2500 रू. में भी धान बेचा और राजीव गांधी न्याय योजना का भी लाभ उठाया।

Petrol-Diesel Price: 25 रुपए बढ़े एलपीजी सिलेंडरों के दाम, आम आदमी को महंगाई का झटका, पेट्रोल-डीजल इतना महंगा

एक ओर निर्वाचन नामांकन पत्र के साथ दिये गये शपथ पत्र में गलत जानकारी भरते है जिसकी शिकायत दुर्ग लोकसभा के एक जागरूक मतदाता अश्वनी साहू ने की है जो तीन बार के ग्राम पतोरा के सरपंच निर्वाचित हुये है, साहू संघ के अध्यक्ष है और पाटन ब्लाक के कांग्रेस की जोन कमेटी के प्रमुख है।

सरकारी धान खरीदी योजना में धान बेचने वाले भाजपा नेताओं की सूची तैयार करने से ही यह फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है।

लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिये विजय बघेल की लोकसभा सदस्यता समाप्त किया जावे और आवश्यक वैधानिक कार्यवाही कर भविष्य में चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाये।

भाजपा के लोकसभा सदस्य विजय बघेल ने अपनी घोषित कृषि भूमि के अतिरिक्त भूमि से जो भी राशि प्राप्त की है धान बिक्री से, बोनस और राजीव गांधी न्याय योजना से, उसे शासकीय कोष में जमा करें।

विजय बघेल सांसद लोकसभा क्षेत्र दुर्ग के संबंध में एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय आपके संज्ञान में लाना हमारा लोकतांत्रिक कर्तव्य समझते हुये यह जानकारी आपके सम्मुख प्रस्तुत की जा रही है।

मुख्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखते हुए कांग्रेस ने की ये मांग

1.    विजय बघेल जिला दुर्ग के ग्राम उरला के निवासी है जो वर्तमान में भिलाई में निवासरत है। श्री बघेल के पिता का नाम स्वर्गीय नम्मूलाल बघेल है जिनका निधन वर्ष 1991 में ही हो चुका था।

2.    विजय बघेल निरंत जनप्रतिनिधित्व के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे है तथा विधि विधायी कार्यो से सूक्ष्मता से अवगत है।

ऽ     विजय बघेल ने सन 2003 में पाटन विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था तथा पराजित रहे थे।

ऽ विजय बघेल ने सन 2008 में पाटन विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा तथा वे चुनाव जीतकर विधायक बने एवं शासन में संसदीय सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी रहे।

ऽ     विजय बघेल सन 2013 में पाटन विधानसभा क्षेत्र से पुनः भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रहे और वे पराजित रहे।

ऽ     विजय बघेल को सन 2019 के लोकसभा चुनाव में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया जो विजयी होकर संप्रति सांसद लोकसभा क्षेत्र दुर्ग के पद पर है।

3.    विजय बघेल द्वारा विगत चुनावों में भरे गये नाम निर्देशन पत्रों में निम्नानुसार कृषि भूमि का उल्लेख किया गया है।

1     विधानसभा चुनाव 2008 में वि.स. पाटन से भाजपा प्रत्याशी के रूप में भरे गये नाम निर्देशन पत्र में कृषि भूमि 1.35 हेक्टेयर ग्राम उरला पाटन तथा 0.708 हेक्टेयर ग्राम जंजगिरी धमधा में दर्शाई गई है।

2     विधानसभा चुनाव 2013 में वि.स. पाटन से भाजपा प्रत्याशी के रूप में भरे गये नाम निर्देशन पत्र में कृषि भूमि 1.35 एकड़ एवं 0.708 एकड़ दर्शाई गयी है।

3     लोकसभा चुनाव 2019 में लोकसभा क्षेत्र दुर्ग से भरे गये नाम निर्देशन पत्र में कृषि भूमि 1.35 एकड़ ग्राम उरला पाटन तथा 0.708 एकड़ ग्राम जंजगिरी धमधा में दर्शाई गई है।

4.    विजय बघेल प्रति वर्ष शासन की धान खरीदी प्रक्रिया में धान बेचते आये है तथा पात्रतानुसार धान का समर्थन मूल्य, बोनस तथा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ उठाया है।

1.    विजय कुमार पिता नम्मूलाल (विजय बघेल सांसद लोकसभा दुर्ग) ने विगत वर्षो में शासकीय धान खरीदी प्रक्रिया में औंधी धान उपार्जन केन्द्र में जो धान बेचा उसकी जानकारी इस प्रकार है :-

1.    2017-18 में इनका कुल रकबा 1.35 हेक्टेयर (3.33एकड़) था जिसमें उन्होंने 49.6 क्विंटल धान बेचा था जिसकी कीमत 76880 रू. थी।

2.    2018-19 में इनका कुल रकबा 6.86 हेक्टेयर (16.95 एकड़) हो गया था जिसमें 253.6 क्विंटल धान बेचा था जिसकी राशि 5,19,880 रू. थी।

3.    2019-20 में इनका कुल रकबा 6.86 हेक्टेयर (16.95 एकड़) था जिसमें उन्होंने 253.6 क्विंटल धान बेचा था जिसकी राशि 4,62,132 रू. थी।

4.    2020-21 में इनका कुल रकबा 6.74 हेक्टेयर (16.65 एकड़) है जिसमें इन्होंने 249.2 कि्ंवटल धान बेचा है जिसकी राशि 4,65,505 रू. है।

ऽ     छत्तीसगढ़ में प्रतिवर्ष नवंबर से अगले वर्ष जनवरी तक समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जाती है, यानी अमूमन 1 या 15 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी की जाती रही है। वर्ष 2020-21 में 1 दिसंबर 2020 से 31 जनवरी 2021 तक धान खरीदी की जा रही है।

ऽ     शासकीय नियमों के अनुसार प्रदेश सरकार प्रति एकड़ 15 कि्ंवटल धान के हिसाब से ही धान खरीदती है।

5     सन 2018-19 में धान खरीदी 01 नवंबर 2018 से 31 जनवरी 2019 तक चली थी। 2017-18 में श्री विजय बघेल ने 3.33 एकड़ भूमि का 49.6 कि्ंवटल धान बेचा था। जबकि 2018-19 में श्री विजय बघेल ने 253.6 कि्ंवटल धान बेचा था जिसका रकबा 6.86 हेक्टेयर (16.95 एकड़) था। यानी 2017-18 से 2018-19 के बीच इनकी जमीन 13.62 एकड़ बढ़ चुकी थी। इसका अर्थ है कि 31 जनवरी 2019 के पूर्व श्री विजय बघेल के पास कुल 16.95 एकड़ भूमि थी।

6     परंतु लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान श्री विजय बघेल ने जो एफिडेविट दिनांक 3 अप्रैल 2019 को भरा था उसमें उन्होंने सिर्फ 1.35 हेक्टेयर भूमि उरला ग्राम में खसरा नंबर 1505/1, 1510, 658/2, 695/1 तथा 695/6 तथा ग्राम जंजगिरी धमधा ब्लाक में 0.708 हेक्टेयर भूमि खसरा नंबर 659/15, 659/18 दर्शाई थी।

7     जबकि चुनाव लड़ने के समय उनके नाम पर इससे कहीं ज्यादा भूमि स्वयं के नाम पर तथा संयुक्त नाम से थी, उन्होंने अपनी काफी भूमि को नामांकन पत्र में नहीं दर्शाया था। श्री विजय बघेल द्वारा उरला पाटन की भूमि विरासत में मिली होना तथा जंजगिरी धमधा की भूमि सन 2005 के पूर्व स्व अर्जित करना लेख किया गया था। इन्होंने हिंदू अविभाजित परिवार के नाम पर कोई भी कृषि भूमि नहीं होना लेख किया गया है।

8     श्री विजय बघेल के नाम पर अन्य कई संपत्तियों भी है जिसका उल्लेख उनके द्वारा अपने नाम निर्देशन पत्र में नहीं किया गया है जो कि इस प्रकार है :-

क्र.

तहसील

रा. नि. मं.

प.ह.नं.

ग्राम

धारित भूमि

कैफियत

खसरा

रकबा

1

धमधा

अहिवारा

44

बोरसी

333/2

0.1300

शिवाजी बहुद्देशीय सहकारी समिति मर्या. भिलाई अध्यक्ष कृषि भूमि खाता क्र. 406

2

धमधा

अहिवारा

49

बोरसी

334

0.1100

3

पाटन

चरोदा

57

चरोदा

342/43

0.0220

कृषि भूमि खाता क्र. 3837

4

पाटन

चरोदा

57

चरोदा

342/67

0.0130

परिवर्तित भूमि 1400 वर्गफीट खाता क्र. 1486

विजय बघेल पिता नम्मू लाल बघेल एवं अन्य द्वारा संयुक्त रूप से धारित भूमि का विवरण

क्र.

तहसील

रा.नि.मं.

प.ह.नं.

ग्राम

धारित भूमि हेक्टेयर

कैफियत

खसरा

रकबा

1

पाटन

चरोदा

3

उरला

1039

0.1500

कृषि भूमि खाता क्र. 24

2

पाटन

चरोदा

3

उरला

1030

0.1300

कृषि भूमि खाता क्र. 1052

1031

0.1300

1466

0.9700

1506

1.7200

1511

2.1200

1519

0.4500

3

पाटन

चरोदा

3

उरला

537

0.7000

कृषि भूमि खाता क्र.1058

4

पाटन

चरोदा

3

उरला

226

0.0400

कृषि भूमि खाता क्र.25

398

0.1900

1548

0.2100

1550

0.9200

1570

0.7000

योग

8.4300

 9 विजय बघेल द्वारा अपनी भूमि संपत्ति की जानकारी का लोप लोकसभा 2019 में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के अपने नाम निर्देशन पत्र में किया गया है जो कि आपत्तिजनक है। एक अनुभवी तथा पूर्व में विभिन्न महत्वपूर्ण जनप्रतिनिधित्व के पदों पर रह चुके व्यक्ति द्वारा अपनी संपत्तियों को छुपाया जाना किसी प्रकार से उचित नहीं है तथा यह लोप लोकतंत्र की व्यवस्थाओं पर कुठाराघात करता है और यह कृत्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 का उल्लंघन है।

10    लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125ए में निम्न व्यवस्था दी गई है-

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button