11,000 करोड़ का बैंक फ्रॉड: 800 शेल कंपनियों और 5000 बैंक खातों से किया घोटाला; पढ़े पूरा मामला

दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नागपुर जोनल ऑफिस के माध्यम से कॉरपोरेट पावर लिमिटेड (Corporate Power Ltd.) और उसके डायरेक्टर मनोज जायसवाल पर बड़ी कार्रवाई की है।
बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में एजेंसी ने 67.79 करोड़ की संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई 11,000 करोड़ के बैंक घोटाले से जुड़ी है, जिसमें करीब 800 शेल कंपनियां और 5000 बैंक खातों का इस्तेमाल कर कर्ज की रकम को इधर-उधर किया गया था।
ED की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के डायरेक्टर मनोज जायसवाल, अभिजीत जायसवाल, अभिषेक जायसवाल और उनके सहयोगी संतोष जैन ने लोन की रकम को फर्जी कंपनियों के जरिए घुमाया। जब्त की गई संपत्तियां महाराष्ट्र, दिल्ली, कोलकाता और आंध्र प्रदेश में फैली हैं, जिनमें जमीन, फ्लैट, कमर्शियल स्पेस और बैंक बैलेंस शामिल हैं। एजेंसी ने बताया कि ये संपत्तियां “अवैध कमाई” से अर्जित की गई थीं।
जांच के अनुसार, कंपनी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और अन्य बैंकों को प्रोजेक्ट की लागत गलत बताकर भारी कर्ज लिया और फिर 800 से अधिक शेल कंपनियों के जरिए उसे मनी लॉन्ड्रिंग कर गबन कर लिया। 2013-14 में कंपनी का खाता NPA घोषित हुआ, जिससे बैंकों को 11,379 करोड़ (ब्याज सहित) का नुकसान हुआ।
CBI द्वारा दर्ज FIR के आधार पर ED ने जांच शुरू की थी। आरोप है कि अभिजीत ग्रुप ने झारखंड में 1080 मेगावाट का कोयला आधारित पावर प्रोजेक्ट लगाने के नाम पर यह धोखाधड़ी की। इससे पहले नागपुर, कोलकाता और विशाखापट्टनम में छापेमारी में ED ने डिजिटल डिवाइस, नकदी, शेयर और म्यूचुअल फंड्स जब्त किए थे। अब तक कुल 571 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है। जांच एजेंसी का कहना है कि बाकी रकम के ट्रांजेक्शन की पड़ताल जारी है।



