जुबीन गर्ग मौत केस: सरकार पर जांच प्रक्रिया को लेकर सवाल, दूसरी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अब तक छिपी

असम। असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग की रहस्यमयी मौत को बीस दिन बीत चुके हैं, लेकिन जांच प्रक्रिया पर सवाल और गहराते जा रहे हैं। 19 सितंबर को जुबीन की सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान डूबने से मौत हुई थी। शुरुआती पोस्टमॉर्टम में डूबने को मौत का कारण बताया गया, लेकिन अब जबरन डुबोने, जहर देने और आर्थिक साजिश के आरोपों से मामला उलझ गया है।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के आदेश पर 23 सितंबर को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया गया था, लेकिन 17 दिन बीतने के बाद भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। सरकार का तर्क है कि रिपोर्ट सार्वजनिक करना ‘कानूनी रूप से अनुचित’ होगा। इससे लोगों में सरकार की नीयत पर संदेह बढ़ा है।
मामले की जांच कर रही एसआईटी अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है — इनमें गायिका अमृतप्रभा महंत, आयोजक श्यामकानु महंत, मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, ड्रम मास्टर शेखर गोस्वामी और जुबीन के चचेरे भाई डीएसपी संदीप गर्ग शामिल हैं। सभी जुबीन के साथ सिंगापुर में मौजूद थे।
जांच पर सवाल भी गंभीर हैं — सरकार ने मुख्य आरोपी श्यामकानु को सरेंडर के लिए 17 दिन का वक्त क्यों दिया? सीएम की पत्नी रिनीकी भुइयां की कंपनी पर आर्थिक संबंधों के आरोप क्यों उठे? जुबीन की संपत्ति का पूरा हिसाब क्यों नहीं मिल रहा?
SIT ने अब तक 60 से अधिक FIR दर्ज की हैं। वहीं, विसरा सैंपल दिल्ली की फोरेंसिक लैब भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट से असली मौत का राज खुलने की उम्मीद है।