Korba: बालको लर्निंग सेंटर में कार्यशाला आयोजित, बालको सीईओ की मौजूदगी में थर्ड जेंडर नागरिकों को सौंपे गए जॉइनिंग किट, औद्योगिक संगठनों में छत्तीसगढ़ में बना पहला

कोरबा। चार थर्ड जेंडर नागरिक आज भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड-बालको में नियोजत कर लिए गए। थर्ड जेंडर नागरिकों की पृष्ठभूमि, समुदाय की सामाजिक स्थिति, मनोवैज्ञानिक समस्याएं एवं समाधान विषय पर एक कार्यशाला बालको लर्निंग सेंटर में आयोजित की गई थी।
इसी कार्यशाला के दौरान बालको के सीईओ एंड डायरेक्टर अभिजीत पति की उपस्थिति में थर्ड जेंडर नागरिकों को जॉइनिंग किट सौंपे गए। बालको छत्तीसगढ़ राज्य का पहला तथा देश के कुछ गिने-चुने औद्योगिक संगठनों में शामिल हो गया है जहां थर्ड जेंडर नागरिक अपने कैरियर की शुरूआत करेंगे। ये नागरिक एम.एस. गियर इंडिया लिमिटेड, मुंबई के अधीन फोर्क लिफ्ट ऑपरेटर के तौर पर अपनी सेवाएं देंगे। यह जानकारी आज विद्या राजपूत, सदस्य, तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड, छत्तीसगढ़ शासन एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ मितवा संकल्प समिति, रायपुर ने दी। विद्या राजपूत ने बताया कि लगभग 500 बालको अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेका कर्मचारियों की उपस्थिति में थर्ड जेंडर नागरिक भगत भवानी राठिया, रूपा कुर्रे, कनिष्का सोना तथा रानू सिंह बालको परिवार के सदस्य बने।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि बालको छत्तीसगढ़ राज्य की पहली ऐसी औद्योगिक इकाई बन गई है जहां किसी भी तरह के लैंगिक भेदभाव के परे नागरिकों को अपना हुनर दिखाने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य शासन ने पुलिस विभाग में 13 थर्ड जेंडर नागरिकों को कॉन्सटेबल के तौर पर सेवा का मौका दिया है। बालको तथा राज्य शासन की पहल देश में ऐतिहासिक बदलाव का संकेत है। उन्होंनेे थर्ड जेंडर नागरिकों के सामाजिक एवं भावनात्मक पक्षों के बारे में श्रोताओं को अनेक जानकारियां दी। बालको के सीईओ अभिजीत पति ने विद्या राजपूत और उनके समुदाय के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि थर्ड जेंडर समुदाय की मदद से बालको में नए सामाजिक परिवर्तन और अंधविश्वास को खत्म करने की शुरूआत हो रही है। यह परिवर्तन थर्ड जेंडर की सामाजिक हैसियत को सुधारने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बालको ने साढ़े पांच दशको की औद्योगिक यात्रा में विकास के अनेक दौरान देखें हैं।
वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल के मार्गदर्शन में बालको प्रबंधन प्रतिभाओं की तलाश करने और उन्हें देश के विकास में योगदान के लिए तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है। श्री पति ने कहा कि उद्योग प्रतिभाओं के बूते संचालित होता है। प्रतिभा लैंगिक पूर्वाग्रहों से मुक्त होती है। कोई भी व्यक्ति जन्मजात प्रतिभाशाली नहीं होता बल्कि उसे तैयार करना पड़ता है। वक्त आ गया है कि हम अब तक उपेक्षित थर्ड जेंडर समुदाय के प्रति सकारात्मक सोच के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव माहौल तैयार करें। थर्ड जेंडर नागरिकों को बालको प्रबंधन प्लांट ऑपरेशन के विभिन्न क्षेत्रों में अवसर देने के लिए तैयार है। कार्यक्रम में मौजूद रविना बरिहा, सदस्य, तृतीय लिंग कल्याण बोर्ड, पूर्व सलाहकार, राष्ट्रीय रक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने बताया कि प्राचीनकाल से ही देश में थर्ड जेंडर समुदाय का विशिष्ट स्थान रहा है उन्होंने रामायण एवं महाभारत के अनेक प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि थर्ड जेंडर ने हमेशा ही समाज के विकास के महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बालको में चार थर्ड जेंडर नागरिकों को कैरियर का अवसर मिलना निश्चित ही बड़ी सामाजिक पहल है। पोपी देवनाथ, ट्रांसमेन अधिकार कार्यकर्ता, रायपुर छत्तीसगढ़ ने अपने जीवन की विभिन्न घटनाओं के बारे में श्रोताओं को अवगत कराते हुए बताया कि थर्ड जेंडर के प्रति समाज को अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है।