साय सरकार में श्रमिकों का जीवन संवर रहा, कल्याण योजनाओं से छत्तीसगढ़ को मिला विशिष्ट स्थान

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने श्रमिकों के कल्याण को अपनी प्राथमिकता में शीर्ष स्थान दिया है। निर्माण, कृषि, खनन और औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत लाखों श्रमिकों के जीवन को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाने के लिए सरकार ने कई नीतिगत और व्यावहारिक पहलें शुरू की हैं।
मुख्यमंत्री साय का मानना है कि “श्रमिक ही राज्य की विकास-रीढ़ हैं”, इसी सोच के साथ श्रमिकों के खातों में सीधे आर्थिक सहायता पहुंचाई जा रही है। हाल ही में आयोजित श्रमिक महासम्मेलन में 1.84 लाख श्रमिकों को 65.16 करोड़ रुपये की राशि सीधे ट्रांसफर की गई। यह सरकार की पारदर्शी और त्वरित सेवा व्यवस्था का उदाहरण है।
साय सरकार की प्रमुख योजनाओं में दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मज़दूर कल्याण योजना विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इस योजना के तहत भूमिहीन और असंगठित क्षेत्र के लाखों मजदूरों को हर वर्ष ₹10,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके साथ ही ‘अटल श्रम सशक्तिकरण पहल’ के तहत असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण, स्किल ट्रेनिंग, बीमा, पेंशन और स्वास्थ्य लाभ को एक छत्र के नीचे लाया गया है।
सरकार का फोकस केवल सहायता देने तक सीमित नहीं है, बल्कि श्रमिकों को कौशल विकास और स्वरोजगार से जोड़ने पर भी है। डिजिटल पंजीकरण, मोबाइल कैंप और प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से दूरस्थ इलाकों तक योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा रही है।
रजत जयंती वर्ष के अवसर पर साय सरकार ने यह संदेश दिया है कि विकास का अर्थ केवल उद्योग नहीं, बल्कि मजदूरों का उत्थान भी है। छत्तीसगढ़ अब उन राज्यों में शामिल हो रहा है, जहाँ श्रमिकों का जीवन जीविकोपार्जन से आगे बढ़कर गरिमामय और समृद्ध बन रहा है।





