कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पाली में केराझरिया पंचायत में रविवार की सुबह एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब भारी बारिश के बीच भी 100 से अधिक महिलाएं छाता लेकर गाँव की सड़कों पर उतर आईं।
इन महिलाओं ने अवैध महुआ शराब कारोबार के खिलाफ जोरदार रैली निकाली और शराब विक्रेताओं को कड़ी चेतावनी दी कि अगर अब भी कारोबार बंद नहीं हुआ तो वे प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगी और जरूरत पड़ी तो स्वयं भी कठोर कदम उठाएंगी।
महिलाओं का कहना था कि शराब की वजह से गाँव के बच्चे, युवा और बुजुर्ग नशे की चपेट में आ रहे हैं। इससे परिवारों की शांति भंग हो रही है और समाज पर भी गहरा असर पड़ रहा है। इसी चिंता से बेटियाँ, बहुएँ और माताएँ एकजुट होकर सड़कों पर उतरीं और हुंकार भरी – “सुधर जाओ, नहीं तो सुधार देंगे।”
इस रैली का नेतृत्व ग्राम पंचायत केराझरिया की सरपंच गिरजा पैखरा ने किया। उनके साथ संतोषी, रूखमणी कंवर, सुमित्रा, रूखमणी मंहत, अवध बाई, अनिता, अंजू, निरा पैखरा, प्रीति मनिकापुर और संतोषी मनियारी सहित बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल हुईं। उन्होंने गाँव-गाँव घूमकर नशामुक्ति का संदेश दिया और लोगों से शराब से दूर रहने की अपील की।
महिलाओं ने कहा कि शराब ने गाँव के कई घर उजाड़ दिए हैं। नशे की वजह से हिंसा बढ़ी है, बच्चे बुरी आदतों में फँस रहे हैं और परिवार टूट रहे हैं। सरपंच गिरजा पैखरा ने साफ कहा, “शराब पूरे समाज को खोखला कर रही है। अब गाँव की शांति और बच्चों के भविष्य के लिए इसे हर हाल में खत्म किया जाएगा।”
महिलाओं की इस सशक्त पहल से शराब विक्रेताओं में खलबली मच गई है। वहीं, ग्रामीणों ने भी इस साहसिक कदम का स्वागत किया और महिलाओं के शराबबंदी अभियान को पूरा समर्थन देने का भरोसा दिलाया। अब पूरा गाँव एकजुट होकर संदेश दे रहा है कि केराझरिया पंचायत में अवैध शराब किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी।