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जेलों में AI की मदद से कैदियों पर निगरानी, मोबाइल और नशीले पदार्थ रखना होगा मुश्किल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की जेलों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से कैदियों पर नजर रखी जाएगी। राज्य में कुल 60 जेल हैं, जिनमें पहले से ही क्लोज सर्किट टीवी (CCTV) कैमरे लगे हुए हैं। जेल अधिकारियों के अनुसार, मानव आंख से हर कोने पर नजर रखना असंभव है, और नजर हटने से बड़ी घटनाएं घट सकती हैं।

नई प्रणाली में एआई युक्त कैमरों की मदद से कैदियों की गतिविधियों पर प्रभावी नजर रखी जाएगी। इससे जेल में मोबाइल फोन, नशीले पदार्थ और हथियार छिपाकर रखने पर तुरंत पहचान की जा सकेगी। अधिकारियों का कहना है कि एआई तकनीक की मदद से कैमरे न केवल वस्तुओं को पहचानेंगे, बल्कि कैदियों की हरकतों और शारीरिक भाषा का भी विश्लेषण कर सकेंगे।

जेल प्रशासन के अनुसार, एआई तकनीक से यह समझना आसान होगा कि कोई कैदी बगावत की योजना तो नहीं बना रहा या आत्महत्या जैसी प्रवृत्ति उत्पन्न तो नहीं हो रही है। इससे न केवल सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि जेल प्रबंधन और निगरानी भी अधिक प्रभावी होगी। अधिकारियों का मानना है कि यह कदम जेलों में अपराध और अनुशासनहीनता को रोकने के लिए जरूरी है। एआई निगरानी के कारण जेल कर्मियों को लगातार हर कोने पर नजर रखने की जरूरत नहीं होगी, जिससे उनके कार्यभार में भी कमी आएगी।

इस पहल के बाद बंगाल की जेलों में सुरक्षा और नियंत्रण की प्रणाली और मजबूत होगी। अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि इससे जेलों में अवैध गतिविधियों और आपराधिक घटनाओं में कमी आएगी, और कैदियों की सुरक्षा और मानसिक स्थिति पर बेहतर नजर रखी जा सकेगी।

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