छत्तीसगढ़धमतरी

जब प्राचार्य के विदाई समारोह में छात्र छात्राओं ने निकाली बारात, छात्र छात्राओं सहित पूर्व छात्रों ने प्राचार्य को कंधों में उठा कर किया डांस, तो रो पड़े प्रचार्य सहित स्कूल स्टाफ और छात्र छात्राएं…

संदेश गुप्ता@धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक ऐसा विदाई समारोह देखने के मिला है,जिसको देख कर आपके हौश उड़ जाएंगे,अक्सर आपने देखा होगा की शादी के समय किसी दुल्हन की विदाई होती है तो वह पूरे रीति रिवाज के साथ शादी का पूरे रस्म निभाते हुए विदाई करते हैं, और विदाई करते समय,बहुत से लोगो के आंखे नम हो जाते है,और दुल्हन सहित पूरा परिवार के आंख से आंसू निकल आते है।

इसी बीच धमतरी जिले में एक प्रचार्य की रिटायरमेंट विदाई समारोह में, प्रचार्य पूजा अर्चना करने के बाद शहर में एंट्री लेते ही, छात्र छात्राओं ने अपने कंधे में बिठा कर डांस करते हुए स्कूल तक ले गए जहाँ प्रचार्य के आंखों से आंसू छलकने लगी और प्राचार्य सहित पूरे स्कूल स्टाफ के आँखे नम हो गई।

दरअसल धमतरी जिले के नत्थू जी जगताप नगर निगम स्कूल जिसको म्युनिस्पल स्कूल के नाम पर जाना जाता है,यहां के प्राचार्य अशोक पवार का विदाई समारोह का कार्यक्रम स्कूल के छात्र छात्राओं द्वारा किया गया था, जिसमें छात्रों ने सुबह से लेकर शाम तक का कार्यक्रम किया,सुबह प्राचार्य अशोक पवार( गुल्ला) ने अपने बाबा का पूजा अर्चना किया, जिसके बाद प्राचार्य अशोक पवार को फूलों से सजी कार में सवार होकर धमतरी के रत्नाबांधा चौक पहुंचे, जहाँ छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया, वहीं छात्रों ने अपने प्राचार्य की बरात निकाली, प्राचार्य के बारात में छात्र छात्राओं धुमाल लगाया, धुमाल के धुन में छात्र छात्राएं सहित पूर्व छात्र छात्रएं धरके, और प्राचार्य अशोक पवार को कंधे में उठाकर धुमाल बाजे गाजे के साथ डांस किया, जोकि रत्नाबांधा चौक से लेकर स्कूल तक निकाली गई,

जब प्रचार्य अशोक पवार( गुल्ला ) बाजे गाजे के साथ स्कूल पहुंचे तो अचार्य का पुष्प वर्षा कर चंदन वंदन लगाकर गायत्री मंत्र उपचार के साथ स्कूल के स्टाफ ने स्वागत किया, लड्डू की टोकरी प्राचार्य अशोक पवार गुल्ला को भेंट किया गया,वहीं प्राचार्य अशोक पवार गुल्ला जैसे ही स्कूल में एंट्री लिए तो प्रचार अशोक पवार ने नतमस्तक होकर स्कूल को प्रणाम किया,और स्कूल में नतमस्तक करते ही उनके आंख से आंसू निकल गया, और पूरा स्टाफ सहित छात्र-छात्राएं के भी आँख से आंसू निकल गया।

प्राचार्य अशोक पवार ने कहा कि इस अकल्पनीय जीवन मे ये मान- सम्मान कहा से पाया ,कैसे पाया ये तो पता नहीं,लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि ये सब मेरे माता- पिता के पुण्य से ही मुझे मिला,उनके आशीर्वाद से ही मैंने अपने जीवन को कृष्ण और राम बनाया,मंच से उन्होंने आगे गौ सेवा में ततपर रहने की बात कही अंत मे स्कूल स्टाफ ने शाल ,गमछा के साथ प्रतीक चिन्ह देकर भावभीनी विदाई दी।

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