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दूर्वा अष्टमी पर कब और कैसे करें पूजा, जानें

 

हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय माने जाने वाले भगवान श्री गणेश जी का उत्सव प्रारंभ हो चुका है. भगवान श्री गणेश जी के घर में पधारने के चौथे दिन यानि भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि पर दूर्वा अष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस गणेश उत्सव आप अगर भगवान श्री गणेश को खुश करना चाहते हैं तो गणेश उत्सव के ठीक 4 दिन आने वाली दूर्वा अष्टमी का दिन इस विशेष पूजा को जरूर कर

कब है दूर्वा अष्टमी

दूर्वा अष्टमी हर साल भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. यह पर्व गणेश उत्सव के ठीक 4 दिन बाद पड़ता है. इस साल शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर 2023 को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर शुरू हो रही है और और 23 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगी.

दूर्वा अष्टमी का व्रत और पूजा विधि

  • इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर लें.
  • उसके बाद साफ कपड़े पहन कर पूजा करने बैठेंं.
  • पूजा करते वक्त अपने व्रत का संकल्प लें.
  • घर के मंदिर में देवताओं को फल, फूल, माला, चावल, धूप और दीपक अर्पित करें.
  • इसके बाद गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं एवं उन्हें तिल और मीठे आटे की रोटी का भोग लगाएं.
  • पूजा के अंत में भोलेनाथ की पूजा जरूर करें.

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