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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस मुर्शिदाबाद रवाना, पीड़ितों से करेंगे मुलाकात

दिल्ली। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस शुक्रवार सुबह मुर्शिदाबाद और मालदा के लिए रवाना हो गए। वे अगले दो दिनों तक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों और शरणार्थी शिविरों का दौरा करेंगे। 

रवाना होते समय राज्यपाल ने कहा, “मैं जमीनी हालात का मूल्यांकन करूंगा। जो कुछ भी हुआ, वह बेहद चौंकाने वाला है। किसी भी कीमत पर शांति स्थापित होनी चाहिए।” इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल से दौरा स्थगित करने का आग्रह किया था। ममता ने कहा था, “मैं राज्यपाल से अनुरोध करूंगी कि कुछ दिन और प्रतीक्षा करें। मैं स्वयं भी फिलहाल इन इलाकों का दौरा नहीं करूंगी, क्योंकि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।” राज्यपाल के दौरे के साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर भी शुक्रवार को मालदा रवाना हुईं। वे हिंसा प्रभावित इलाकों का जायजा लेंगी और महिलाओं की स्थिति का मूल्यांकन करेंगी।

कलकत्ता हाईकोर्ट में ममता सरकार ने पेश की रिपोर्ट

राज्य में हुई हिंसा को लेकर गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। ममता सरकार ने कोर्ट में दावा किया कि मुर्शिदाबाद में हालात अब नियंत्रण में हैं। हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने केंद्रीय सुरक्षा बलों (CAPF) की तैनाती बढ़ाने की मांग रखी। हाईकोर्ट की बेंच ने इस पर आदेश सुरक्षित रखा है। कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों  TMC, BJP और अन्य — को चेतावनी दी कि “कृपया कोई भी भड़काऊ बयान न दें। यह निर्देश सिर्फ किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है।”

विरोध प्रदर्शन की इजाजत, लेकिन चेतावनी भी

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन पर कोर्ट ने कोई रोक नहीं लगाई, लेकिन टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर राज्य सरकार प्रदर्शन की अनुमति देती है, तो वह खुद समस्या को न्योता दे रही है।” हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि हिंसा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग (WBHRC) और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (SLSA) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति पीड़ितों की पहचान, भोजन और आश्रय की व्यवस्था करेगी।

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