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पानी की जांच ने बदली सोच, सुरक्षित जल को लेकर जागरूक हुए ग्रामीण

रायपुर। छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सामाजिक और स्वास्थ्य क्षेत्रों में भी बदलाव की बयार बह रही है। जल जीवन मिशन के तहत ग्राम बामनपुर, गुंजेपरती और नंबी में जल सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर एक अनोखी पहल शुरू की गई, जिसने ग्रामीणों की सोच और व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन ला दिया।

भोपालपटनम और उसूर विकासखंडों के इन गांवों में “हर घर नल से जल” योजना के अंतर्गत पेयजल सुविधा उपलब्ध है, फिर भी कई ग्रामीण परंपरागत आदतों के चलते नदी-नालों का पानी पीने के लिए उपयोग कर रहे थे। इस कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने की आशंका थी। स्थिति को सुधारने के लिए प्रशासन ने निर्णय लिया कि जल गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों को प्रत्यक्ष परीक्षण दिखाकर जागरूक किया जाएगा।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की देखरेख में जिला जल परीक्षण प्रयोगशाला की केमिस्ट की टीम ने गांवों में पहुंचकर सामूहिक रूप से पानी की जांच की। जब ग्रामीणों ने देखा कि नदी-नाले के पानी में हानिकारक तत्व मौजूद हैं, जबकि नल से आने वाला जल साफ और सुरक्षित है, तो उन्होंने सुरक्षित जल के उपयोग का संकल्प लिया।

यह अभियान न सिर्फ ग्रामीणों के लिए “आंखें खोलने” वाला अनुभव बना, बल्कि यह भी साबित हुआ कि वैज्ञानिक तथ्यों के साथ समझाने पर लोग आसानी से जागरूक होते हैं। अब ये गांव न केवल पेयजल उपलब्धता में आत्मनिर्भर हैं, बल्कि जल की गुणवत्ता को लेकर भी सजग और जागरूक हो चुके हैं। जल जीवन मिशन की यह पहल सामाजिक बदलाव की मिसाल बन गई है।

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