जलदूत ऐप से जलस्तर सर्वे, जल प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम

रायगढ़। जिले में जल संरक्षण और भू-जल प्रबंधन को लेकर शासन की पहल के तहत महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत खुले कुओं के जल स्तर की माप का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। 25 मई से शुरू हुई यह प्रक्रिया 15 जून तक चलेगी, जिसमें रायगढ़ के सातों विकासखंडों की ग्राम पंचायतों में खुले कुओं का प्री-मानसून 2025 अवधि तक जलस्तर मापा जा रहा है।
इस सर्वेक्षण में तकनीकी सहायक, बेयरफुट तकनीशियन और रोजगार सहायक “जलदूत” मोबाइल ऐप के माध्यम से प्रत्येक गाँव के प्रतिनिधि कुओं का जल स्तर माप रहे हैं। जलस्तर मापने से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि कुएं से पिछले 10-12 घंटे में पानी न निकाला गया हो। प्रत्येक ग्राम में दो से तीन ऐसे खुले कुएं चुने जाते हैं, जो बोरवेल नहीं हों, ताकि भूजल का सटीक स्तर ज्ञात हो सके।
वर्ष में दो बार, मानसून से पहले और बाद में, जलदूत ऐप पर जलस्तर माप का डाटा, जियो-टैग की गई तस्वीरों के साथ अपलोड किया जाता है। वर्ष 2024-25 में जिले की 469 ग्राम पंचायतों के 742 ग्रामों के कुल 2123 कुओं का डाटा रिकॉर्ड किया गया था। यह पहल “मोर गाँव, मोर पानी” महाभियान के अंतर्गत की जा रही है, जिसका उद्देश्य जल संरक्षण, संवर्धन एवं वैज्ञानिक जल प्रबंधन है। इससे ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP), मनरेगा की कार्ययोजना और जल उपयोग के निर्णयों में सहायता मिलेगी। जलस्तर डाटा के विश्लेषण से गांवों के भूजल भंडारण, टोपोग्राफी और जल निकासी की स्थिति का मूल्यांकन संभव होगा। यह साक्ष्य-आधारित योजना भविष्य के जल संकट को रोकने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।