आपके भी घी में तो नहीं मिला हुआ है जानवरों की चर्बी, ऐसे करें पता



आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में लड्डू के घी में मिलावट का मामला गरमाता जा रहा है.

आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया है कि, पिछली जगनमोहन रेड्डी सरकार में बालाजी मंदिर में प्रसाद में घी की जगह मछली का तेल और जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही थी.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसमें सोयाबीन, सनफ्लोवर, ऑलिव, रेपसीड, लिसीड, व्हीट जर्म, मेज जर्म, कॉटन सीड, कोकोनट, पाम कर्नल, पाम ऑयल के फैट के साथ बीफ टैलो, लार्ड और फिश ऑयल एनिमल फैट पाया गया है.

अब सवाल ये उठता है कि आप घर पर जिस घी का सेवन कर रहे हैं वह मिलावटी है कि नहीं. ऐसे में हम आपको घी में मिलावट की पहचान के कुछ तरीके बता रहे हैं.

शुद्ध घी गाढ़ा, गोल्डन कलर का और खुशबूदार होगा. अगर घी से खुशबू नहीं आ रही इसका मतलब घी मिलावटी हो सकता है.

एक सफेद कागज पर एक चम्मच घी फैला दें. इसे कुछ देर ऐसे ही रहने दें.

अगर आप कागज पर कोई धब्बा देखते हैं, तो समझ जाएं कि आपके घी में मिलावट है. क्योंकि शुद्ध घी कोई दाग या धब्बा नहीं छोड़ता.

शुद्ध घी सॉफ्ट और क्लियर टेक्सचर का होगा. अगर रूम टेंपरेचर में घी जम जाता है, तो इसमें जरूर मिलावट हुई है.

एक चम्मच घी को गैस पर गर्म करके देखिए. अगर इससे जलने की बदबू आती है, तो आपके घी में एनिमल फैट मिला हुआ है.

शुद्ध घी गर्म करने पर गल जाएगा, लेकिन इससे जलने की बदबू नहीं आती है.

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