महासमुंद

Video: अंधकार में बच्चों का भविष्य, ऐसा स्कूल जो बिना शिक्षक के चल रहा, ग्रामीण लगा रहे शिक्षा विभाग और कलेक्टर के दफ्तर के चक्कर

मनीष@महासमुंद। (Video) कोरोना संक्रमण के चलते लंबे अंतराल के बाद अब स्कूलों को 1 अगस्त से पढ़ाई के लिए खोल दिया गया है, लेकिन स्कूलों में शिक्षक की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई आज भी प्रभावित है. ऐसा ही एक मामला महासमुंद जिले के सिंघोड़ा से सामने आया है. (Video) जहां के हाई स्कूल में पिछले तीन सालों से शिक्षक की कमी है. और अब हालात यह है कि स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक की कोरोना से मौत के बाद स्कूल शिक्षक विहीन हो गया है. जहां बच्चे शिक्षक विहिन स्कूल में पढ़ाई करने को मज़बूर है और ग्रामीण बच्चों के भविष्य को लेकर अब प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं

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स्कूल में बिना शिक्षक के बैठे बच्चे

(Video) स्टॉफ रूम की खाली कुर्सियां और तो और प्राचार्य रूम का यह खाली कमरा. महासमुंद जिले में दम तोड़ती सरकारी शिक्षा व्यवस्था का हाल बयां कर रही है दरसल ते तस्वीरें है महासमुंद जिले ओड़िशा सीमा में अंतिम छोर पर स्थित ग्राम सिंघोड़ा की है। जहां के हाई स्कूल में पिछले 3 साल से शिक्षकों की तो कमी है ही.अब हालात यह हो गया है कि, यहां पदस्थ एक शिक्षक जिसके भरोसे स्कूल संचालित होता था. उसकी की भी मौत कोरोना में होने के बाद यह स्कूल अब शिक्षक विहीन हो गया है. यहां पढ़ने वाले 9वीं और 10वीं के 78 बच्चों के भविष्य पर तलवार लटकने लगा है। ऐसा नहीं है कि शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी नहीं, पूरा डाटा स्कूल शिक्षा विभाग के पास स्कूल खोले जाने से पहले हैं, लेकिन औपचारिक व्यवस्था के बगैर ही 1 अगस्त से स्कूल को खोल दिया गया है।

चपरासी स्कूल खोलता है और बच्चे खेलते हैं

जहां चपरासी स्कूल खोल देता है और बच्चें स्कूल सिर्फ खेलने जाते हैं। इस बात को लेकर बच्चों के परिजन काफी परेशान है।  कलेक्टर व जिला शिक्षा अधिकारी से गुहार लगा रहे है।उनका कहना है कि स्कूल जब से खुला है तब से शिक्षकों का आभाव है।इस बात को लेकर कई बार आंदोलन किया जा चूका है।अब तो स्कूल में शिक्षक ही नहीं है यही हालात रहा तो बच्चों का पढ़ाई बंद करवा कर उन्हें बकरी चराना होगा।शिक्षक व्यवस्था नहीं होने पर स्कूल में ताला बंद कर परिजन आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।

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