राजनांदगांव

Video: पशुपालकों और बीजेपी के पार्षदों ने निगम कार्यालय का किया घेराव, इस वजह से चल रहे हैं नाराज, देखिए

राजनांदगांव। (Video) छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत राजनांदगांव शहर में पशुपालकों से गोबर खरीदी करने के लिए राज्य शासन के द्वारा चार गोबर खरीदी केंद्रों की मंजूरी दी गई थी। इसके बावजूद नगर निगम के अधिकारी अपनी मनमानी के चलते यहां 12 केंद्रों के माध्यम से गोबर खरीदी कर रहे थे। जिसमें से 8 गोबर खरीदी केंद्रों को अचानक ही बंद कर दिया गया।

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(Video) जिसके बाद  51 वार्ड वाले शहर में महज चार केंद्रों में गोबर खरीदी की जा रही है। इन चार केंद्रों में गोबर बेचने के लिए  दूरस्थ वार्ड के पशुपालकों को कई किलोमीटर जाना पड़ता है। वहीं खरीदी केंद्र में अव्यवस्था के चलते समय पर गोबर खरीदी भी नहीं हो पाती है। (Video) ऐसे में पशुपालकों ने बंद गोबर खरीदी केंद्रों को शुरू करने के लिए नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष किशुन यादु के नेतृत्व में रैली निकाली और नगर निगम पहुंच कर  आयुक्त के कार्यालय का घेराव कर दिया।

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इस समस्या के लिए आयुक्त को जिम्मेदार ठहराते हुए पशुपालकों व भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने नगर निगम आयुक्त होश में आओ के नारे भी लगाए। पशुपालकों ने कहा कि गोबर खरीदी के लिए जो सेंटर पूर्व में बनाए गए थे उन्हीं सेंटरों में गोबर खरीदी की जानी चाहिए, वहीं नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष किशुन यादु ने कहा कि जब राज्य शासन से चार गोबर खरीदी केंद्र स्वीकृत है तो फिर नगर निगम के द्वारा गोबर खरीदने के लिए 12 खरीदी केंद्र क्यों बनाया गया था। नेता प्रतिपक्ष ने सेंटरों को बंद करने के मामले में नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक और महापौर हेमा देशमुख की निष्क्रियता की बात कही है। 

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8 गोबर खरीदी केंद्रों को किया बंद

राज्य शासन से चार गोबर खरीदी केंद्र स्वीकृत होने के बाद भी नगर निगम के द्वारा 8 अतिरिक्त खरीदी केंद्र बेवजह खोल दिए गए थे, अपनी इस गलती को सुधारते हुए नगर निगम ने 8 गोबर खरीदी केंद्रों को बंद भी कर दिया है। अगर यह गोबर खरीदी केंद्र शुरू नहीं होते तो व्यवस्था ठीक होती, लेकिन अब स्थानीय स्तर पर ही पशुपालकों को गोबर बेचने की सुविधा देने के बाद इन खरीदी केंद्रों को बंद किए जाने से व्यवस्था बिगड़ गई है और दिन-ब-दिन पशुपालकों में रोष बढ़ता जा रहे हैं, जिससे शासन के खिलाफ भी माहौल बन रहा है। ऐसे में नगर निगम के अधिकारियों की मनमर्जी का खामियाजा पशुपालकों को भुगतना पड़ रहा है।

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