
मनीष@बिलासपुर .छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में मालखरौदा विकासखंड के गांव पिहरीद में एक 10 वर्षीय मासूम बच्चा (राहुल) बोरवेल में जा फंसा जिस से बाहर निकालने के लिए तकरीबन 105 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा।
एक 10 वर्षीय बच्चे के गलती से बोरवेल में गिर जाने और उसके रेस्क्यू किए जाने तक जिला प्रशासन और पुलिस बल ने लंबा संघर्ष किया। और आखिरकार मासूम राहुल को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। इस बात को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी खुशी जाहिर की है। साथी जल्द ही उसके स्वस्थ होने की कामना की.
घटना छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले की है, जहां मालखरोदा विकास खंड के गांव पिहरीद मैं रहने वाले 10 वर्षीय राहुल बोरवेल के लिए बनाया जाए गड्ढे में जा फंसा, तकरीबन 60 फीट लंबे इस गड्ढे में उसने 105 घंटे का समय बिताया, इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर राहत और बचाव कार्य में लगा हर व्यक्ति एक व्यक्ति, राहुल को सकुशल बाहर निकालने में अपनी पूरी ताकत झोंक रहा था। इस दौरान बिलासपुर पुलिस ने जांजगीर चांपा से लेकर अपोलो अस्पताल तक एक ग्रीन कोरिडोर बनाया ताकि उसे समय पर जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जा सके।
इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी ने यह साफ कर दिया यह काम उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण था, और राहुल को बचाने के लिए किया जाने वाला संघर्ष सभी के नजरों में था, लिहाजा कहीं कोई चूक हो जाने की दरकार नहीं थी। लिहाजा पुलिस महकमे ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है और अब रेस्क्यू किया गया राहुल की तबीयत भी बेहतर है।
राहुल के परिजनों की माने तो, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, एसईसीएल, छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस, भारतीय सेना, चिकित्सा दल और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से ही उनके बेटे की जान बच पाई है।बोरवेल में फंसने के बाद उन्होंने बेटे की सकुशल निकल पाने के लिए हर संभव मदद मांगी और तब उसकी जान बच पाई है।
राहुल के सकुशल रेस्क्यू के जाने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रात तकरीबन 1:19 मिनट पर एक ट्वीट किया और राहुल की हिम्मत के लिए उसे बधाई द, मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर में लिखा, बहादुर बच्चे की जिजीविषा काबिले तारीफ है, जितने धैर्य से बचाव दल ने काम किया राहुल भी उतनी हिम्मत से बोरवेल में अंदर डाटा रहा, जिससे हमारी पूरी टीम को सबल मिला।
उन्होंने राहुल के शीघ्र स्वस्थ होने और लौटने की कामना की है। इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह माना कि एक काम काफी कठिन था और चुनौतीपूर्ण रहा उनकी टीम ने लगातार हिम्मत से काम किया है. सभी सहयोगी सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने भी इस दौरान बेहतर प्रदर्शन किया है। आखिरकार बुधवार के दिन सुबह तकरीबन 9:30 बजे बिलासपुर कलेक्टर डॉक्टर सारांश मित्तर ने जानकारी देते हुए बताया कि राहुल की तबीयत में काफी सुधार है, फिलहाल उसे नाश्ता दिया गया है और मामूली बुखार होने की वजह से सामान्य दवाइयों पर इलाज जारी है।