
नितिन@रायगढ़। प्रदेश सरकार राज्य में शिक्षा का स्तर सुधारने के तमाम प्रयास कर रही है,इसके बावजूद कुछ गैर जिम्मेदार शिक्षक और शिक्षा विभाग की वजह से ग्रामीण स्तर पर स्कूली शिक्षा बदहाल है।
ताजा मामला जिले के पूर्वांचल में स्थित दो अलग- अलग गांवों के सरकारी स्कूलों जुड़ा है। जिसके समाधान के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण कलेक्टर के जनदर्शन में पहुंचे थे। यहां ग्राम पेलमा में शिक्षक की कमी तो ग्राम उरबा में शराबी शिक्षक की वजह से स्कूली बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत पेलमा के सरकारी माध्यमिक शाला में सिर्फ दो शिक्षकों को नियुक्ति की गई है,जिसमे से एक शिक्षक को स्कूल समन्वयक बनाया गया है। जिसकी वजह से शिक्षक पढ़ाने के बजाए दूसरे सरकारी काम में व्यस्त हो जाते हैं। वर्तमान में इस स्कूल में 52 छात्र अध्यनरत हैं। शिक्षक की कमी की वजह से छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। प्रशासन से उन्होंने यह मांग की है कि स्कूल में अविलंब एक शिक्षक की व्यव्स्था की जाए जिससे बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से पूरी हो पाएं।
वहीं ग्राम उरबा से आए ग्रामीणों ने बताया कि उनके ग्राम पंचायत के दर्री पारा में स्थित प्राथमिक शाला में सिर्फ तीन शिक्षक है जबकि स्कूल में छात्रों की संख्या 79 के करीब है। इन तीन शिक्षको में से एक सहायक शिक्षक एक नाथ सिदार स्कूल में अक्सर शराब पी कर आते है, वर्तमान में वो जुलाई महीने से अब तक बच्चो को पढ़ाने स्कूल नहीं आ रहे है। उनके आचरण से स्कूली बच्चों की शिक्षा तो प्रभावित हो ही रही है बल्कि उनका भविष्य में अंधेरे में है। अतः उनकी मांग है की एकनाथ सिदार की जगह शिक्षा विभाग दूसरे जिम्मेदार शिक्षक की
पदस्थापना इस स्कूल में करें। यदि यहां उनकी मांग पूरी नहीं होगी तो वे मजबूरन सड़क पर उतर कर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे।ताकि स्कूली बच्चों की प्राथमिक शिक्षा प्रभावित न हो।