महासमुंद

Video: 1 करोड़ का धान घोटाला, राईस मिलरों ने खरीदी केंद्र में धान नहीं होने की कलेक्टर से की शिकायत, जांच के निर्देश


मनीष सवरैया@महासमुंद। जिले के परसवानी धान खरीदी केंद्र में लगभग एक करोड़ के धान घोटाला सामने आया है । जिले के राईस मिलरों ने खरीदी केंद्र में धान नहीं होने की शिकायत कलेक्टर से किया. कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है और जांच उपरांत मामले में कड़ी कार्यवाही के साथ एफआईआर कराने की बात कही है ।

महासमुंद जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान ख़रीदी के लिए 152 धान ख़रीदी केंद्र बनाये गए थे। जिसमें 1 दिसम्बर 2021 से 7 फरवरी 2022 तक धान की खरीदी की गई। जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में धान की बोगस खरीदी की गई है, ताजा मामला महासमुंद जिले के सांकरा ब्रांच के सहकारी समिति परसवानी का है. जहां 1 करोड़ के लगभग 4000 क्विंटल धान की बोगस खरीदी का मामला सामने आया है।

धान खरीदी केंद्र परसवानी में धान खरीदी वर्ष 2021-22 में 14 करोड़ 59 लाख 72 हजार 500 रुपये का कुल 58389 क्विंटल धान की खरीदी करना बताया गया है जिसमें से दिनांक 14 मार्च 2022 तक टी.ओ. के माध्यम से 23780 क्विंटल धान का खरीदी केंद्र से उठाव हुआ।

मिलर्स को 34609 क्विंटल का डी.ओ. जारी हुआ. जिसमें से 29819 क्विटल धान का ही उठाव हुआ बाकी बचे 4790 क्विंटल धान का उठाव इसलिए नही हुआ क्योंकि धान खरीदी केंद्र परसवानी में 4790 क्विंटल के जगह सिर्फ 800 क्विंटल धान है। जबकि आज भी परसवानी धान खरीदी केंद्र में आन लाइन देखने पर 4790 क्विंटल धान होना बता रहा है ! धान खरीदी में हुए गड़बड़ी की पड़ताल में जब मीडिया की टीम ख़रीदी केंद्र पहुची थी। तब धान ख़रीदी केंद्र में समिति के कोई भी जिम्मेदार कर्मचारी नही मिले, प्रबंधक से लेकर आपरेटर, लिपिक सभी मौके से नदारत थे। धान की कमी के मामले में परसवानी के धान खरीदी प्रभारी सुनील प्रधान से उनका पक्ष जानने का प्रयास फोन से किया गया तो सुनील प्रधान ने कार्यस्थल से दूर रायपुर में होने की बात कही और मामले में कुछ भी बोलने से बचते रहे।

महासमुंद जिले के राईस मिल संघ के अध्यक्ष पारस चोपड़ा ने बताया की धान उठाव के लिए जिला विपणन कार्यालय से डी. ओ. तो कटा है लेकिन परसवानी सहित कई धान खरीदी केंद्र में बोगस खरीदी के वजह से खरीदी केंन्द्रो में धान नहीं है, धान नहीं होने के वजह से हम धान का उठाव नहीं कर पा रहे है! धान का उठाव कर हमें शासन को चावल देना होता है समय पर चावज जमा नहीं होने पर राइस मिल को पेनाल्टी देना पड़ता है जिस वजह से हम सभी राईस मिलर परेशान हो रहे है साथ ही उन्होंने कहा की ऐसे फर्जीवाड़ा करने वाले धान खरीदी प्रभारी पर जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए ताकि व्यवस्था में सुधार हो सके !

कलेक्टर ने जांच के बाद की कार्रवाई की बात

इस फर्जीवाड़े के मामले को गंभीरता से लेते हुए महासमुंद कलेक्टर निलेश कुमार क्षीरसागर ने कहा कि बड़े पैमाने पर धान की कमी की शिकायत मिली है जांच के निर्देश दिए गए है! धान गबन के मामले कड़ी कार्यवाही की जाएगी,एफ.आई.आर.किया जायेगा. 420 का मामला दर्ज किया जाएगा उस समिति के संचालक मंडल को भंग किया जाएगा।

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