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National: 1962 में पहली बार सासंदों पर हुई निलंबन की कार्यवाही…क्या उस समय भी सरकार अलोकतांत्रिक थीं?…विपक्ष के रवैये पर भड़के उपराष्ट्रपति

नई दिल्ली।  (National) 12 सांसदों के निलंबन को अलोकतांत्रिक और विपक्ष के माफी से इंकार के रवैये पर राज्यसभा के चेयरमैन वेकैंया नायडू ने राज्यसभा के चेयरमैन ने नेहरू काल से अब तक हुए सांसदों के निलंबन के मामले की याद दिलाई. साथ ही सवाल पूछा है कि क्या अब तक की सभी सरकारें अलोकतांत्रिक थीं.  उन्होंने सदन के दोनों पक्षों सत्ता और विपक्ष से अपील की है कि वे आगे बढ़ें और बातचीत के साथ मामले का हल करें.

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बता दें कि (National) इस सत्र की कार्यवाही से 12 सांसदों को निलंबित किया गया था. मानसून सत्र को लेकर इन सांसदों पर कार्रवाई हुई थी. लेकिन सासंदों के निलंबन वापसी को लेकर कहा गया कि अगर निलंबित सांसद अपने बर्ताव को लेकर मांफी मांग ले तो उनका निलंबन वापस हो सकता है. हालांकि विपक्ष ने इसे अलोकतांत्रिक करार दिया. साथ ही निलंबित सांसदों द्वारा मांफी मांगने से इंकार भी किया.

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(National) नायडू ने विपक्ष से पूछा कि सांसदों का यह निलंबन पहली बार नहीं हुआ है. इसकी शुरुआत 1962 में हुई थी और तब से 2010  तक 11 बार ऐसा किया जा चुका है. इस तरह के प्रस्ताव लाने वालीं क्या सभी सरकारें अलोकतांत्रिक थीं? यदि ऐसा ही है तो फिर कई बार ऐसा क्यों किया गया.

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