Dhamtari: दीदी की रसोई बनी लोगों की पहली पसंद…. लोकल को वोकल करने के साथ नारी उद्यमिता का उदाहरण…पढ़िए

संदेश गुप्ता@धमतरी। (Dhamtari) जिले के भटगांव में खुली दीदी की रसोई आजकल लोगो की पहली पसंद बनती जा रही है. दरअसल ये एक रेस्टोरेंट है. जहां ठेठ छत्तीसगढ़ी व्यंजन मिलते हैं. गांव की महिला समूह ने इसे लोन लेकर शुरू किया है. लोकल को वोकल करने का साथ में नारी उद्मिता का ये अच्छा उदाहरण कहा जा सकता है.
(Dhamtari) अगर आप होटल रेस्टोरंट में आनलाईन आर्डर से पिज्जा, बर्गर, समोसे, कचोड़ी, चाट, गुपचुप खाकर बोर हो चुके हैं, और कुछ नया खाना चाहते हैं तो आपके लिये दीदी की रसोई एक बेहतर डेस्टीनेशन हो सकता है. (Dhamtari) जहां महिलाएं अपने खास आईडिया से अपनी डेस्टीनी बदलने के लिये जोर लगा रही है.

धमतरी शहर से 5 किलोमीटर दूर भटगांव में मेंन रोड के किनारे जंगल के पास है. दीदी की रसोई जो मा शारदा महिला स्व सहायता समूह ,संचालित करता है. इस समूह की लीडर माधुरी निर्मलकर है. ये एक तरह का रेस्टोरेंट है. जहां छत्तीसगढ़ी व्यंजन परोसे जाते हैं. जैसे चिला, फरा., पानरोटी, मुठिया रोटी. यहां बने देहाती व्यंजन का स्वाद अच्छे अच्छे रेस्टोरेंट की खास रेसीपी पर भी भारी है. क्योंकि इन्हे ठेठ देसी स्टाईल में ही पकाया जाता है. वो भी तुरंत आर्डर लेने के बाद. साथ में सील बट्टे से पीसी गई तीखी चटपटी चटनी के साथ। जिसे देख कर ही मुंह में पानी आता है. ईधन के तौर पर गोबर गैस का इस्तेमाल किया जाता है. यहां का सारा काम सारा इंतजाम महिलाएं ही देखती है . धीरे धीरे शहर के लोग भी देहात में देहाती व्यंजनों का स्वाद लेने आने लगे हैं.

देसी व्यजनों का स्वाद तब और बढ़ जाता है. जब यहां जंगल के बीच खुली ताजी हवा और शांत माहौल का सुकून फिजा में मेल हो जाता है. यहां आकर आपका पेट तो जरूर भर जाएगा. लेकिन दिल नहीं भरेगा. महिला समूह की आरवी निर्मलकर बताती है कि इसके लिये उन्होने बिहान योजना के तहत 50 हजार का लोन लिया है.

फिलहाल शुरूआत है. ग्राहकी कम है. रोजाना लगभग 500 की कमाई हो जाती है. लेकिन साथ में ये भी है कि ग्राहकों की संख्या धीरे ही सही पर बढ़ती जा रही है. ऐसे में उम्मीद और हौसला भी बढ़ता जा रहा है कि कामयाबी जरूर कदम चूमेगी. गांव की महिलाओ का ये आईडिया ये हौसला.. ये लगन.. और जज्बा काबिले तारीफ है.