छत्तीसगढ़

अखबार या स्याही लगे कागज का कर रहे उपयोग…तो हो जाए सावधान, जिले के कलेक्टर ने की अपील

गुड्डू यादव@मुंगेली। कलेक्टर राहुल देव ने खाद्य पदार्थों के लिए छपाई वाले अखबार या स्याही लगा कागज का उपयोग नहीं करने की लोगों एवं खाद्य व्यापारियों से अपील की है।

उन्होंने कहा कि अखबार या स्याही लगा हुआ कागज का उपयोग किए जाने से खाद्य पदार्थों में स्याही का स्थानांतरण होता है, जो उसकी गुणवत्ता और सुरक्षा दोनों को प्रभावित करता है। साथ ही मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थाें के लिए बिना स्याही लगा कोरा-कागज या दोनापत्तल का इस्तेमाल करना चाहिए। बता दें कि मंगलवार को जनदर्शन के दौरान एक आवेदक ने खाद्य पदार्थाे को लाने-ले-जाने में व्यापारियों द्वारा अखबार व स्याही लगा कागज उपयोग किए जाने की शिकायत की थी। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लिया और संबंधित अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजीत बघेल ने बताया कि अखबार को प्रिंट करने के लिए उपयोग की जाने वाली स्याही में डाइ आइसोब्यूटाइल फटालेड डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैसे हानिकारक रसायन एवं कई तरह के हानिकारक रंजक होते है, जो तेल के साथ मिल जाते है और खाने के जरिये हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते है, जिससे हमारे शरीर में पाचन संबंधी विकार, टॉक्सिसिटी, कैंसर, महत्वपूर्ण अंगों की विफलता तथा प्रतिरक्षा तंत्र का कमजोर होना जैसे विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि न्यूनतम लागत होने के कारण खाद्य पदार्थाे को लाने ले जाने के लिए अक्सर अखबारी कागज या स्याही लगा हुआ कागज का उपयोग किया जाता है। यदि कोई खाद्य कारोबारकर्ता खाद्य पदार्थ के लिए छपाई वाले अखबार व कागज का उपयोग करता है, तो उसको इसके दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दें और उसे ऐसा न करने की सलाह दें। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा लगातार इसकी जांच की जाएगी और जांच के दौरान छपाई वाले पेपर व स्याही लगा हुआ कागज का उपयोग करते पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी।

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