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पितृ पक्ष में करें इन 5 चीजों का इस्तेमाल, मिलेगा उनका आर्शीवाद

नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है. इस बार पितृ पक्ष 17 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या पर पितृ पक्ष की अवधि का समापन होगा. ज्योतिषियों की मानें तो, पितृ पक्ष में 5 चीजों का प्रयोग करना बहुत ही शुभ माना जाता है. जिससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.पहली चीज है जल. पितृ पक्ष में जल का प्रयोग शुभ माना जाता है. इस दिन जल में खड़े होकर, अंजुली में जल लेकर पितरों को जल देना सर्वोत्तम होता है.

जल
पितृ पक्ष में सूर्योदय के पूर्व पीपल में जल डालने से पितरों को शांति प्राप्त होती है. पितृ पक्ष में अगर जल की बर्बादी की जाए तो पितृ पूजा स्वीकार नहीं करते.

सृष्टि का सबसे पवित्र तत्व अग्नि को माना जाता है. पितरों के श्राद्ध में संपूर्ण भोजन की सबसे पहली आहुति अग्नि में ही दी जाती है.

अग्नि
नियमित रूप से अग्नि में सुंगध की 5 आहुति दें तो ऐसा करने से पितरों को और स्वयं को शांति मिलती है.

ज्योतिष में उड़द की दाल शनि और राहु से संबंध रखती है. पितरों को अर्पित की जाने वाली वस्तुओं में उड़द से बनी चीजें की प्रधानता है.

उड़द की दाल
किसी की आसामयिक मृत्यु हो जाने की दशा में भैरव देव को उड़द की बनी हुई वस्तुएं अर्पित करें.

काला तिल शांति-संपन्नता का प्रतीक माना जाता है. काला तिल डालकर सूर्य को जल देने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.

काला तिल
साथ ही, अग्नि में काले तिल की आहुति देने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और अतृप्त आत्माएं शांत होती हैं.

माना जाता है कि कुश श्रीहरि विष्णु के अंश से बना है. कुश के जल से अगर शिव जी का अभिषेक करने से बाधाएं दूर होती हैं और पितरों को मुक्ति मिलती है.

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