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UP: 260 करोड़ की लागत से तैयार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का पीएम ने किया लोकार्पण, कहा- बौद्ध अनुयायियों के आकर्षण का केन्द्र बनेगा कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट

कुशीनगर। (UP) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के अस्तित्व में आने देश दुनिया के बौद्ध अनुयायियों को भगवान गौतम बुद्ध से जुड़े तीर्थस्थलों का भ्रमण करने में सुविधा होगी बल्कि इससे पूर्वांचल के विकास में और तेजी आयेगी।

(UP) मोदी ने बुधवार को यहां 260 करोड़ की लागत से तैयार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का लोकर्पण करने के बाद कहा कि भारत विश्व भर के बौद्ध समाज की श्रद्धा एवं आस्था का प्रेरणा केन्द्र है। यह हवाई अड्डा एक प्रकार से उनकी श्रद्धा को अर्पित पुष्पांजलि है। भगवान बुद्ध के ज्ञान से लेकर महापरिनिर्वाण तक का साक्षी यह क्षेत्र आज हवाई सेवा के जरिये दुनिया से जुड़ गया है। श्रीलंका एयरलाइंस के विमान का आज कुशीनगर में उतरना इस पुण्य भूमि को नमन करने के समान है।

(UP) उन्होने कहा कि आज यह सुखद संयोग है कि शरद पूर्णिमा और बाल्मिकि जयंती के अवसर पर भगवान बुद्ध की प्रेरणा से सबका साथ लेकर सबके प्रयास से सबका विकास संभव हो पा रहा है। उत्तर प्रदेश का इंटरनेशनल एयरपोर्ट दशकों तक हवाई सेवा से जुड़ने की आशाओ और अपेक्षाओं का परिणाम है। श्री मोदी ने कहा कि उनकी खुशी दोहरी है कि एक तरफ आध्यत्मिक तौर पर वह एयरपोर्ट के खुलने से प्रसन्न है जबकि पूर्वांचल के प्रतिनिधि के तौर पर उनके मन में संतोष का भाव है कि यह कमिटमेंट पूरा हो रहा है।

कुशीनगर का विकास केन्द्र और राज्य सरकार की प्राथमिकता

मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध से जुड़े स्थानों का पर्यटन के लिहाज से विकसित करने के लिये कनेक्टिविटी की दिशा मे विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुशीनगर का विकास केन्द्र और राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुबंनी यहां से दूर नहीं है जबकि भगवान बुद्ध ने जहां अपना पहला उपदेश दिया वह कपिलवस्तु भी पास में है। भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ भी 100-150 किमी के दायरे में है। बुद्ध को जहां ज्ञान प्राप्त हुआ वह बौद्ध गया भी कुछ ही दूरी पर है।

बौद्ध अनुयायियों के लिये कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा केन्द्र बिंदु

इस लिहाज से बौद्ध अनुयायियों के लिये कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा केन्द्र बिंदु बनेगा। श्रीलंका,थाईलैंड,जापान, श्रीलंका और कोरिया समेत तमाम बौद्ध अनुयायी देशों के श्रद्धालुओं को यहां आने में अब कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। कुशीनगर एयरपोर्ट सिर्फ एयर कनेक्टिविटी का ही माध्यम नहीं बल्कि यहां के उद्यमी,किसान,पशुपालक और कारोबारियों को भी अवसर उपलब्ध करायेगा। यहां व्यापार कारोबार का इको सिस्टम विकसित होगा जिससे यहां के युवाओं को रोजगार के नये अवसर बनेंगे।

आस्था हो या आनंद आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है महसूस

उन्होने कहा कि पर्यटन का कोई भी स्वरूप है। चाहे वह आस्था हो या आनंद के लिये, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत महसूस की जाती है। रेल,सड़क,जलमार्ग अथवा हवाई सेवा को मजबूत करने की दिशा में सरकार प्रयासरत है। इसके अलावा टूरिज्म को बढाने के लिये होटल, साफ सफाई समेत अन्य क्षेत्रों में भी एक साथ काम करने की जरूरत है। 21वीं सदी का भारत इसी एप्राेच के साथ आगे बढ रहा है जिसका परिणाम है कि भारत को आज टूरिज्म के अहम क्षेत्र के रूप में जाना जाने लगा है। वैक्सीनेटड कंट्री होने के नाते दुनिया के पर्यटकों के लिये आश्वस्त व्यवस्था कारक बन सकता है।

उनकी सरकार ने विकास को उन क्षेत्रों तक पहुंचने पर दिया जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने विकास को उन क्षेत्रों तक पहुंचने पर जोर दिया जिनके बारे में पिछली सरकारों ने सोचा ही नहीं था। देश में हवाई कनेक्टिविटी बढाने के लिये 900 से अधिक नये रूट को स्वीकृति दी गयी है जिनमें से 300 से अधिक पर हवाई सेवा शुरू भी की जा चुकी है। 50 से अधिक नये एयरपोर्ट चालू किये गये है। अगले दो सालों में 200 से अधिक एयरपोर्ट और जल सेवा का नेटवर्क चालू करने की उम्मीद है।

भारत का सामान्य आदमी अब हवाई अड्डो पर ज्यादा दिखने लगा

उन्होने कहा कि भारत का सामान्य आदमी अब हवाई अड्डो पर ज्यादा दिखने लगा है। मिडिल क्लास अब हवाई सेवा का लाभ लेने लगे है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में नये अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे नोएडा स्थित जेवर पर काम चल रहा है। इसके साथ ही अयोध्या,अलीगढ,आजमगढ,चित्रकूट,मुरादाबाद और श्रावस्ती के नये हवाईअड्डों का निर्माण कार्य जोरो पर है।

अगले महीने स्पाइसजेट की उडान सेवा होगी शुरू

मोदी ने कहा कि दिल्ली और कुशीनगर के बीच अगले महीने स्पाइसजेट की उडान सेवा शुरू की जा रही है। इससे घरेलू श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। उनकी सरकार ने उड्डयन क्षेत्र की मजबूती के लिये एयर इंडिया के साथ बड़ा कदम उठाया है। इसके अलावा नयी फ्लाइंग एकडेमी शुरू की गयी है। नयी ड्रोन नीति कृषि से लेकर स्वास्थ्य तक जीवन को बदलने वाली है। ड्रोन के निर्माण से लेकर मैन पावर तैयार करने के लिये इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है। एवियशेन सेक्टर जल्द ही देश के विकास का प्रतीक बनेगा।

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