UKSSSC पेपर लीक: युवा सड़कों पर, जांच पर सवाल

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के हालिया पेपर लीक कांड ने लाखों युवाओं को सड़कों पर ला दिया है। कड़ी सुरक्षा और सेंटर पर चेकिंग के बावजूद हरिद्वार के बहादरपुर जट गांव स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज से पेपर मोबाइल के जरिए बाहर भेजा गया। यह सबसे बड़ा सवाल है कि जब सेंटर पर जैमर और कड़ी जांच थी, तो मोबाइल कैसे अंदर पहुंचा।
राज्य में विपक्षी नेता राहुल गांधी ने इसे राज्य सरकार की बड़ी चूक बताया। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि “BJP का दूसरा नाम पेपर चोर है”। आयोग का कहना है कि परीक्षा केंद्र में जैमर लगे थे, लेकिन पेपर की फोटो मोबाइल से बाहर भेजी गई। जांच में सेंटर ड्यूटी पर तैनात दारोगा रोहित कुमार और सिपाही ब्रह्मदत्त जोशी को निलंबित कर दिया गया, लेकिन असली राज अभी भी अज्ञात है।
एसआईटी ने जांच शुरू की है, लेकिन युवाओं का भरोसा कम है। पिछले 9 बड़े मामलों में 8 में जांच या सजा पूरी नहीं हुई। हरिद्वार कुंभ मेले के फर्जी कोविड-टेस्ट और 500 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले में भी दोषियों को राहत मिली। 2022 के पेपर लीक में मुख्य आरोपी हाकम सिंह गिरफ्तार हुआ था और अब मौजूदा कांड में उसी का 15 लाख में पेपर बेचने का ऑडियो वायरल हुआ।
जांच में सामने आया कि पेपर की तस्वीरें पहले टिहरी में असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के पास पहुंचीं। उन्होंने खालिद की बहन द्वारा मांगे गए उत्तर उपलब्ध कराए। बाद में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के नेता बॉबी पंवार को सूचना दी गई, जिन्होंने स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किए।
सबसे ज्यादा सवाल विकासनगर के सेपियंस स्कूल सेंटर को लेकर हैं। यहां कैमरे लगे थे, लेकिन काली पन्नी चढ़ा दी गई। आयोग ने बताया कि उनके अपने कैमरे नहीं लगे थे। इससे पारदर्शिता और सुरक्षा पर सवाल उठ गए हैं।