मंदिर के बाहर मिलीं दो मासूम बच्चियां, चाइल्ड लाइन की निगरानी में

धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां एक पिता ने अपनी दो मासूम बेटियों को रुद्रेश्वर मंदिर के बाहर छोड़ दिया। इन बच्चियों की उम्र मात्र 7 और 3 वर्ष है। यह घटना 21 मई, बुधवार की रात की है। जब मंदिर के पुजारी ने बच्चियों को रोते हुए देखा, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही रुद्री पुलिस और चाइल्डलाइन की टीम मौके पर पहुंची और बच्चियों को सुरक्षित सखी सेंटर पहुंचाया गया। पूरी रात बच्चियों को वहीं रखा गया और अगले दिन उन्हें चाइल्ड लाइन की निगरानी में सौंप दिया गया। रुद्री थाना प्रभारी अमित सिंह बघेल ने बताया कि बच्चियों को मंदिर के पास रोते हुए पाया गया था। तत्काल सुरक्षा व्यवस्था के तहत उन्हें रेस्क्यू कर सखी सेंटर भेजा गया। अगले दिन उनके पिता का पता लगाया गया और उसकी काउंसलिंग करवाई गई।
जांच में सामने आया कि बच्चियों की मां पहले ही घर छोड़ चुकी थी और पिता एक दिहाड़ी मजदूर है, जो शराब की लत का शिकार है। ऐसे हालात में वह बेटियों की देखभाल करने में असमर्थ था। यह भी पता चला कि पिता अक्सर बच्चियों को भूखा छोड़ देता था और उन्हें संभालने में लापरवाही बरतता था।
बाल कल्याण समिति के समक्ष मामले को पेश करने के बाद, निर्णय लिया गया कि बच्चियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें अलग-अलग शेल्टर होम्स में भेजा जाए। 7 साल की बड़ी बच्ची को बालिका गृह में स्थानांतरित किया गया, जबकि 3 साल की छोटी बच्ची को दत्तक ग्रहण एजेंसी में भेजा गया है, जहां उसकी देखभाल और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
चाइल्डलाइन अधिकारियों ने बताया कि बच्चियों की सुरक्षा और मानसिक स्थिति का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और आगे उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। यह घटना सामाजिक चेतना को झकझोरने वाली है और यह दर्शाती है कि किस प्रकार समाज में लापरवाह अभिभावकों के कारण मासूम बच्चे असुरक्षित हो जाते हैं। पुलिस, चाइल्डलाइन और बाल कल्याण समिति की तत्परता से दो मासूम जिंदगियों को समय पर सहारा मिल सका।