बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रतनपुर महामाया मंदिर कुंड में 23 कछुओं की मौत के मामले में आरोपी मंदिर के पुजारी और ट्रस्ट उपाध्यक्ष सतीश शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।
इस दौरान कोर्ट ने बेहद सख्त लहजे में टिप्पणी करते हुए कहा, कि “पुजारी भी मर्डर कर सकता है। पवित्र स्थान का मज़ाक बना दिया गया है। मंदिर परिसर को गंदा कर दिया गया है।” कोर्ट ने साफ किया कि यह कोई हल्का मामला नहीं है और मामले की गंभीरता से जांच हुई तो और भी आरोपी सामने आ सकते हैं।
पुजारी होने का बचाव मत करिए: कोर्ट
सुनवाई के दौरान जब याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरोपी मंदिर का मुख्य पुजारी है और ट्रस्ट ने तालाब की सफाई के लिए मछुआरों को ठेका दिया था, तब कोर्ट ने तीखा रुख दिखाया। कोर्ट में न्यायधीश ने कहा, कि “पुजारी-पुजारी और लेडी-लेडी कहकर बचाव मत करिए। क्या पुजारी मर्डर नहीं कर सकता? पवित्र स्थल को ही गंदा बना दिया गया है।”
23 कछुओं की मौत से उठे सवाल
मामला महामाया मंदिर के कुंड में 23 कछुओं की मौत से जुड़ा है, जो कथित तौर पर सफाई के नाम पर जाल बिछाकर फंसाए गए थे। सफाई का ठेका मछुआरों को दिया गया था, और दो दिन बाद कछुओं के शव मिले। इसके बाद वन विभाग की रिपोर्ट के आधार पर पुजारी सतीश शर्मा सहित अन्य पर एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोपी ने ट्रायल कोर्ट से अग्रिम जमानत मांगी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। अब यह मामला हाईकोर्ट में है।
नगर पालिका ने भी रखी अपनी बात
हाईकोर्ट में नगर पालिका परिषद रतनपुर ने भी हस्तक्षेप करते हुए कहा कि “क्षेत्र के सभी तालाब नगर पालिका के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।” इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले को स्वत: संज्ञान में लिया गया है और आगे की जांच में सभी पहलुओं को खंगाला जाएगा।