छत्तीसगढ़

चरम पर ट्रांसपोर्टरों की मनमानी, दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे ब्लैक स्पॉट पर खड़े भारी वाहन….चौक पर जवानों की बढ़ाई जाएगी तैनाती

नितिन@रायगढ़। नेशनल हाईवे छाता मुड़ा से कांशीराम चौंक पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। दुर्घटनाओं के कारण शहर के कई स्थानों को डेथ जोन और ब्लैक स्पॉट बन जाना है।
आमतौर पर हाईवे के इस क्षेत्र से महिंद्रा गोदाम, मोड़ा गोदाम,साल्वेट प्लांट, गोगा राइस मिल और कई ट्रांसपोर्टरों के कार्यालय संचालित हो रहे हैं। इन ट्रांसफोर्ट कार्यालयों और गोदामों में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भारी वाहनों का आवागमन होता है। जिनमे ज्यादातर सीमेंट लोड गाड़ियां होती हैं। इन भारी वाहनों को आम तौर पर उसके ड्राइवर हाईवे पर ही नो पार्किंग जोन में खड़ा कर अनलोड होने तक अपनी बारी का इंतजार करते हैं। जबकि इन ट्रांसपोर्ट और गोदामों के अंदर भी गाडियों को खड़ी करने की पर्याप्त व्यवस्था होती है। बरसात के दिनों में सीमेंट लोड गाडियां 2 से 3 दिन तक भी खड़ी रहती हैं, क्योंकि बारिश होने पर गोदामों में सीमेंट खाली नहीं कराया जाता है। सड़क किनारे बेतरतीब खड़े भारी वाहन कई बार हादसे का कारण बनते हैं। कहने को तो यह यतायात पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगी होती है। लेकिन मौके पर कोई पुलिस जवान ड्यूटी करते नहीं दिखता है।

जबकि इस डेथ जोन पर सुव्यवस्थित वाहन खड़ा करवाने के लिए कई बार स्थानीय लोगों ने यातायात पुलिस से लेकर परिवहन विभाग के बड़े अधिकारियों को लिखित आवेदन दिया है। इसके बाद उच्चाधिकारीयो के दिशा निर्देश पर इस ब्लैक स्पॉट पर नो पार्किंग का फ्लेक्स लगाया गया तो जरूर गया था, लेकिन बड़ी विडंबना है कि नो पार्किंग में सुबह से देर रात तक दर्जनों भारी वाहन बेतरतीब ढ़ग से खड़े रहते हैं। वहीं यातायात प्रभारी डीएसपी रमेश चंद्रा ने बताया कि वहां ड्यूटी के समय नदारद रहने वाले पुलिस जवानों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। हालांकि पुलिस लगातार ऐसे वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही कर रही है। छाता मुड़ा चौक से काशीराम चौक के नो पार्किंग जोन में यदि कोई भारी वाहन घुस भी जाती है तो उसके विरुद्ध चालानी कार्यवाही की जाती है, साथ ही नो पार्किंग को क्लियर करने का काम भी चलता रहता है, ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना एनएच के इस क्षेत्र में न घटे।

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