एयरबैग न खुलने पर टोयोटा को 61 लाख रुपए देना होगा: राज्य उपभोक्ता आयोग ने इनोवा में मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट माना

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी को आदेश दिया है कि वह सुमित अग्रवाल को कुल 61.46 लाख रुपए का मुआवजा दे। यह आदेश इनोवा कार के दुर्घटनाग्रस्त होने पर एयरबैग न खुलने के कारण दिया गया, जिसे आयोग ने विनिर्माण दोष (मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट) माना।
सुमित अग्रवाल अपने भाई के साथ रायपुर से कोरबा लौट रहे थे। रास्ते में सामने से आ रहे वाहन को बचाने के प्रयास में उनकी इनोवा कार पलट गई। हादसे के दौरान कार का एयरबैग नहीं खुला, जिससे सुमित गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका इलाज रायपुर और हैदराबाद में हुआ और 36.83 लाख रुपए खर्च हुए।
सुमित ने कार निर्माता टोयोटा के खिलाफ कोरबा उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई। कंपनी ने पहले जिला आयोग के एकपक्षीय आदेश का विरोध करते हुए अपील की थी। टोयोटा के वकील ने तर्क दिया कि बीमा कंपनी ने कार की मरम्मत के लिए 12 लाख रुपए दे दिए थे। हालांकि, एयरबैग न खुलने से संबंधित कोई विशेषज्ञ रिपोर्ट पेश नहीं की गई।
राज्य उपभोक्ता आयोग ने सर्वेयर रिपोर्ट, कार के डैमेज और सुमित की गंभीर चोटों को आधार मानते हुए कंपनी के तर्क अस्वीकार किए। आयोग ने कहा कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बावजूद एयरबैग का न खुलना विनिर्माण दोष को स्पष्ट करता है।
आयोग ने 28 नवंबर 2025 को आदेश दिया कि टोयोटा कंपनी 30 दिनों के भीतर सुमित अग्रवाल को नई इनोवा कार या उसकी कीमत 23.83 लाख रुपए, इलाज पर खर्च हुई 36.53 लाख रुपए, शारीरिक और मानसिक पीड़ा के लिए 1 लाख रुपए और वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपए का भुगतान करे। यह फैसला उपभोक्ताओं के अधिकार और सुरक्षा के प्रति स्पष्ट संदेश है।





