धमतरी

Dhamtari पहुंची मशाल रैली, मगर लोगों ने खुलकर जाहिर किया अपना गुस्सा ? जानिए क्यों

संदेश गुप्ता@धमतरी। (Dhamtari) 1971 में पाकिस्तान पर भारतीय सेना की ऐतिहासिक विजय हुई थी, और पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए बांग्लादेश के जन्म हुआ, ये सब भारतीय फौज के पराक्रम का परिणाम था आज उस जीत की स्वर्ण जयंती वर्ष है, सेना के शहीदों और विजय के सम्मान में स्वर्णिम मशाल रैली पूरे देश मे घुमाई जा रही है, (Dhamtari) धमतरी में भी भारतीय सेना ये मशाल लेकर आई, शहर के गांधी मैदान में सशत्र सलामी और राष्ट्रगान के साथ मशाल को सलामी दी गई, इस बीच 71 के युद्ध मे लड़ चुके पूर्व सैनिकों का भी सम्मान किया गया, करीब 25 साल पहले रिटायर्ड हो चुके सैनिको ने युद्ध के किस्से सुनाए, मशाल के सम्मान के बाद भारतीय फौज उसे अगले पड़ाव की ओर लेकर बढ़ गई।

(Dhamtari) धमतरी के लिए ये खासे गौरव का विषय रहा कि मशाल का सम्मान और पूर्व सैनिकों का सम्मान बेहद अहम कार्यक्रम था, राष्ट्रीय अस्मिता का भी विषय रहा लेकिन इसे शर्मनाक कहे या दुर्भाग्यपूर्ण लेकिन सच है, इस कार्यक्रम में न तो जिले के कलेक्टर आये न एसपी ने आना जरूरी समझा, और तो और धमतरी जिले से एक भी विधायक नहीं आये। सिवाय धमतरी महापौर विजय देवांगन के एक भी जन प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए। जिले के प्रशासन, और राजनीति के प्रमुख लोगों द्वारा कार्यक्रम की अनदेखी से लोगो मे काफी नाराजगी दिखाई दी, कुछ लोगों ने तो खुल कर अपना गुस्सा जाहिर किया,और कहा कि आखिर वो कौन सा जरूरी काम था जिसे छोड़ कर देश के सम्मान के लिए समय नही निकाल सके..?? इस मामले में धमतरी महापौर ने माना कि प्रमुख लोगों को थोड़ा समय निकाल कर शामिल होना चाहिए था।

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