तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, CM नायडू को फटकारा, कहा- भगवान को राजनीति से दूर रखें
नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच इस मामले पर सुनवाई की। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के आरोपों की जांच की मांग की गई है।
याची के वकील ने कहा, "जांच में खुलासा हुआ कि निर्माण सामग्री बिना जांच के रसोई घर में जा रही थी, जबकि सुपरविजन के लिए जिम्मेदार सिस्टम होना चाहिए, क्योंकि ये देवता का प्रसाद होता है, जनता और श्रद्धालुओं के लिए वो परम पवित्र है। अगर भगवान के प्रसाद पर कोई सवालिया निशान है, तो उसकी जांच होनी चाहिए। निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। बिना किसी सबूत के यह बयान देना कि प्रसाद में मिलावट है, ये बयान परेशान करने वाला है। उच्च पद पर बैठे व्यक्ति की क्या जिम्मेदारी है? आज धर्म की बात है, कल कुछ और हो सकता है।
वहीं, वकील मुकल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सवाल उठाया और कहा कि स्वामी खुद TTD में मेंबर रह चुके हैं। राज्य सरकार की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि घी की जांच में खामियां मिली थीं, जिसके बाद राज्य सरकार ने SIT का गठन किया है। मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमारे पास लैब रिपोर्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि रिपोर्ट बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है। अगर आपने पहले ही जांच के आदेश दे दिए थे, तो मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी? रिपोर्ट जुलाई में आई, बयान सितंबर में आया।