रणथम्भौर में बाघ ने सांड का किया शिकार: झाड़ियों में घात लगाकर हमला, 3 मिनट में गिराया

भोपाल। सवाई माधोपुर के रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में बुधवार शाम एक रोमांचक और भयावह दृश्य कैमरे में कैद हुआ। कुंडेरा रेंज में टाइगर टी-2311 ने झाड़ियों में घात लगाकर एक सांड का शिकार किया। वहां मौजूद पर्यटक और स्थानीय लोग यह नजारा देखकर दंग रह गए।
घटना उस समय हुई जब भदलाव चौकी क्षेत्र में भैरव जी के रास्ते पर मवेशियों का झुंड चर रहा था। इसी दौरान झाड़ियों में छिपा टाइगर टी-2311 अचानक छलांग लगाता है और सीधे सांड की गर्दन पर जबड़े जमा देता है। बाघ के हमले से सांड करीब आधा मिनट तक खड़ा तो रहा, लेकिन बाघ की पकड़ इतनी मजबूत थी कि वह उसे गिराने में सफल हो गया।
करीब डेढ़ मिनट बाद सांड फिर उठकर खड़ा हो गया और लगातार टाइगर से छूटने की कोशिश करता रहा। उसने एक मिनट तक पैर झटककर खुद को बचाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन टी-2311 की पकड़ ढीली नहीं हुई। अंत में बाघ ने उसे दोबारा जमीन पर पटका और कुछ देर में सांड की सांसें थम गईं।
इस दौरान आस-पास मौजूद सांडों का झुंड दूरी बनाए खड़ा रहा। किसी ने भी टाइगर को भगाने की हिम्मत नहीं की। विशेषज्ञों के अनुसार गोवंश आमतौर पर हमलावर नहीं होते, जबकि भैंसें ऐसी स्थिति में झुंड बनाकर बाघ पर हमला कर देती हैं और कई बार उसे पीछे हटने पर मजबूर भी कर देती हैं।
टी-2311 रणथम्भौर का एक युवा नर बाघ है, जिसकी उम्र लगभग 5 साल है। यह टाइग्रेस टी-63 और टाइगर टी-57 का बेटा है। पहली बार यह नवंबर 2021 में नजर आया था। इसके माता-पिता दोनों की पहले ही मौत हो चुकी है।
रणथम्भौर में बाघों का ऐसा शिकार दृश्य दुर्लभ नहीं है, लेकिन इस बार पूरा घटनाक्रम इतने करीब से रिकॉर्ड हुआ कि वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।





