भालू डिग्गी इनकाउंटर के बाद दहशत में माओवादी, महिला समेत तीन नक्सलियों ने गरियाबंद में किया सरेंडर

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सक्रिय तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह घटना लंबे समय बाद हुई है, जब नक्सलियों ने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एसडीके एरिया कमेटी के डिप्टी कमांडर दिलीप उर्फ संतु, दो महिला नक्सली मंजुला उर्फ लखमी और सुनीता उर्फ जूमकी शामिल हैं। इनके ऊपर 15 लाख रुपये का इनाम था।
इस मौके पर एडीजी विवेकानंद सिन्हा, आईजी अमरेश मिश्रा और सीआरपीएफ के अधिकारियों की मौजूदगी में यह समर्पण हुआ। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उन्होंने आत्मसमर्पण किया है। दिलीप ने बताया कि भालू डिगी की मुठभेड़ के बाद से नक्सलियों में दहशत है। बड़े नेता भले ही आत्मसमर्पण न करें, लेकिन छोटे नक्सली घबराए हुए हैं।
सुरक्षा बलों के सर्चिंग ऑपरेशन से दबाव बढ़ने के बाद वह लगातार भागते फिर रहे थे। उन्हें खाने-पीने की भी परेशानी हो रही थी। दिलीप ने यह भी बताया कि मुठभेड़ में गोली लगने के बाद पुलिस ने उनका इलाज किया। गौरतलब है कि 20 जनवरी को भालू डिगी मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए थे, जिनमें बड़े नेता जैसे सीसी सदस्य चलपती और डिविजन कमांडर सत्यम गावड़े भी शामिल थे। इसके बाद से जिले में नक्सलियों का मनोबल टूटा है, और अब वे आत्मसमर्पण करने लगे हैं। अब आत्मसमर्पित नक्सली विकासशील छत्तीसगढ़ की मुख्यधारा से जुड़कर नया जीवन जीने की इच्छा रखते हैं।